हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स.
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अल्लाह का खास इल्म,इलाही निज़ाम का अहम रूक्न हैं : मौलाना अली अब्बास खान
हौज़ा / हज़रतगंज के तारीखी़ इमामबाड़ा शहनाजफ में मजलिस ए अजा़ का सिसिला जारी है, इन मजालिस को मौलाना अली अब्बास खान साहब खि़ताब फ़रमा रहें हैं उन्होंने मजलिस को खिताब करते हुए फरमाया इलाही निज़ाम को समझने के लिए अल्लाह ताला की कुछ सिफत को समझना ज़रूरी हैं।
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माहे रजब दुआ व आमाल की क़ुबूलियत का महीना हैं।मौलाना मोहम्मद मेराज रन्नावी
हौज़ा/ मौलाना मोहम्मद मेराज रन्नावी ने जुमआ के खुत्बे में माहे मुबारक रजब की अहमियत और उसके आमाल और फजीलत को बयांन किए साथ-साथ हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. के जीवनी पर भी नज़र डाली,
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हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़िर अ.स. का राजनीतिक संघर्ष
हौज़ा/हुकूमत इमाम बाकिर अ.स. से हर कुछ दिन पर पूछताछ करके उनको तकलीफ़ देने और उनका ध्यान भटकाने की कोशिश में लगी हुई थी, ज़ाहिर है इमाम अ.स. अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते थे, ऐसे घुटन के माहौल में इमाम अ.स. ने दीन के अहकाम और इस्लामी वैल्यूज़ को बाक़ी रखने के लिए कई कामयाब रास्ते अपनाए
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:दिन कि हदीस
दुनिया में ज़ुल्मों सितम का नतीजा
हौज़ा/हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने एक रिवायत में दुनिया में ज़ुल्मों सितम के नतीजे की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
हज़रत इमाम ए ज़माना अ.स. के इंतजार करने का सवाब
हौज़ा/हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने एक रिवायत में हज़रत इमाम ई ज़माना अ.स. के इंतजार करने के सवाब की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ शफी
हौज़ा/हज़रत इमाम मुहम्मद बाकिर (अ.स.) ने एक रिवायत में औरतों के लिए बेहतरीन शफी को बयान किया हैं।
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:दिन कि हदीस
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. की नज़र में शिया की खुसूसियत
हौज़ा/हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. एक रिवायत में हकीकी शिया की खुसूसियत की ओर इशारा किया हैं।