हज़रत ज़ैनब अ.स
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मुफ़स्सिरे कुरआन हज़रत ज़ैनब बिन्ते अली
हौज़ा / हज़रत ज़ैनब अ.स. की एक और सबसे अहम विशेषता जिसको सैय्यद नूरुद्दीन जज़ाएरी ने ख़साएसुज़ ज़ैनबिय्या में ज़िक्र किया है वह यह कि आप क़ुर्आन की मुफ़स्सिरा थीं, और वह एक रिवायत को इस तरह बयान करते हैं कि जिन दिनों इमाम अली अ.स. कूफ़ा में रहते थे उन्हीं दिनों हज़रत जैनब अ.स. कूफ़े की औरतों के लिए क़ुर्आन की तफ़सीर बयान करती थीं
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हज़रत ज़ैनब अ.स.मुफ़स्सिरे कुरआन
हौज़ा/हज़रत ज़ैनब अ.स. की एक और सबसे अहम विशेषता जिसको सैय्यद नूरुद्दीन जज़ाएरी ने ख़साएसुज़ ज़ैनबिय्या में ज़िक्र किया है वह यह कि आप क़ुर्आन की मुफ़स्सिरा थीं, और वह एक रिवायत को इस तरह बयान करते हैं कि जिन दिनों इमाम अली अ.स. कूफ़ा में रहते थे उन्हीं दिनों हज़रत जैनब अ.स. कूफ़े की औरतों के लिए क़ुर्आन की तफ़सीर बयान करती थीं
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हज़रत ज़ैनब अ.स. की महानता
हौज़ा/हज़रत ज़ैनब अ.स. की एक और सबसे अहम विशेषता जिसको सैय्यद नूरुद्दीन जज़ाएरी ने ख़साएसुज़ ज़ैनबिय्या में ज़िक्र किया है वह यह कि आप क़ुर्आन की मुफ़स्सिरा थीं, और वह एक रिवायत को इस तरह बयान करते हैं कि जिन दिनों इमाम अली अ.स. कूफ़ा में रहते थे उन्हीं दिनों हज़रत जैनब अ.स. कूफ़े की औरतों के लिए क़ुर्आन की तफ़सीर बयान करती थीं