हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , माहे मोहर्रम के आगमन के साथ ही हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के पवित्र स्थल को काले परचम से ढक दिया गया है। हालांकि जौलानी गुट ने इस बार भी झंडे और काले पर्दे लगाने में रुकावट डालने की कोशिश की, लेकिन पवित्र स्थल के सेवकों ने इस बार उनके हस्तक्षेप को खारिज करते हुए पूरे परिसर को शोक के रंग में रंग दिया।
पवित्र स्थल के एक सेवक अबू ज़ैनब ने इस मौके पर कहा कि अल-जोलानी के लोगों ने रोकने की कोशिश की, लेकिन हमारे लिए मोहर्रम एक 'रेड लाइन' है, जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
याद रहे कि पिछले साल अल-जोलानी गुट ने न सिर्फ शोक समारोहों, बल्कि खुशी के मौकों पर भी लगाए गए बैनर और तख्तियाँ हटा दी थीं और पवित्र स्थल पर किसी भी प्रतीकात्मक सामग्री लगाने की अनुमति नहीं दी थी।
हालाँकि, पिछले सात महीनों में सीरिया की स्थिति में आए बदलावों के बाद, इस साल हज़रत ज़ैनब (अ.स.) के पवित्र स्थल के दरवाज़ों और आँगनों में मोहर्रम के झंडे, काले पर्दे और तख्तियाँ लगाई गई हैं।
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