हौज़ा / कर्बला के शहीदों पर आँसू बहाना सिर्फ शोक मनाना नहीं, बल्कि वाक़िया-ए-आशूरा के साथ एक गहरा और सचेतन रिश्ता स्थापित करना है।शहीद मोत्तहरी के अनुसार,रोना और मातम, सत्य के मोर्चे से जुड़ाव…