۱۱ مهر ۱۴۰۳
|۲۸ ربیعالاول ۱۴۴۶
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Oct 2, 2024
हरमे मासूमा के वक्ता
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हराम काम करने वाले व्यक्ति में इमामे मासूम (अ.स.) की बातो को स्वीकार करने की क्षमता नहीं है: हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन सैय्यद हुसैन मोमिनी
हौज़ा / हरमे हज़रत फ़ातिमा मासूमा के वक्ता (ख़तीब) ने कहा: मनुष्य को अपने पापों का मुहासेबा (हिसाब किताब) करना चाहिए क्योंकि हराम के पीछे जाने वाले आँख और कान इमामे ज़माना (अ.त.फ.श.) की बातो को स्वीकार करने की क्षमता नहीं रखते हैं ।