हौज़ा / हमें धर्म पर अमल करने में घमंड नहीं करना चाहिए। यह जो आपको हुक्म दिया गया है हर रोज़ दस मर्तबा पाँच नमाज़ों में, हर नमाज़ में दो बार कम से कम कहते रहिए एहदेनस सेरातल मुस्तक़ीम (ऐ अल्लाह!)…