۵ آذر ۱۴۰۳
|۲۳ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 25, 2024
tanzeem ul makatib
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तंज़ीमुल मकातिब के सिक्रेट्रीः
ईमानी और दीनी बुनियादों पर इन्क़िलाब वक़्त गुज़रने के साथ जवान होता है
हौज़ा / हर इन्क़िलाब चाहे जितना अवामी हो मुद्दत गुज़रने के साथ उसका दाएरा तंग होता है और असर कम, यहां तक के सफ़हए हस्ती से मिट जाता है। लेकिन ईमानी और दीनी बुनियादों पर इन्क़िलाब वक़्त गुज़रने के साथ जवान होता है और इसका दाएरा वसीअ होता जाता है। इन्क़िलाबे आशूरा जिसकी नुमायां तरीन मिसाल है।