۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अफगान सिख

हौज़ा /  सिख समुदाय के अफगानिस्तान में रहने पर संकट मंडरा गया है। तालेबान ने अपना दोगला रवैया दिखा दिया है। सभी धर्मों को साथ लेकर चलने का दावा किया था लेकिन अब अल्पसंख्यकों के लिए वहां सुरक्षा हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।  तालेबान ने सिखों को आदेश दिया है कि वे इस्लाम ग्रहण कर सुन्नी मुस्लिम बन जाएं या देश छोड़कर चले जाएं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना दोगला रवैया दिखा दिया है। सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालेबान ने मान्यता पाने के लिए सभी धर्मों को साथ लेकर चलने का दावा किया था लेकिन अब अल्पसंख्यकों के लिए वहां सुरक्षा हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।

खासतौर पर सिख समुदाय के अफगानिस्तान में रहने पर संकट मंडरा गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक तालेबान ने सिखों को आदेश दिया है कि वे इस्लाम ग्रहण कर सुन्नी मुस्लिम बन जाएं या देश छोड़कर चले जाएं।

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (IFFRAS) की रिपोर्ट के मुताबिक तालेबान सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सिखों को सुन्नी इस्लाम कबूल करना होगा नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा। तालिबानी सरकार कभी भी देश में विविधता को बढ़ावा नहीं देगी।

रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि ऐसे में देश में अल्पसंख्यकों के नरसंहार का खतरा मंडरा रहा है। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद देश में दहशत का माहौल बना हुआ है।

बड़ी संख्या में सिख भारत के लिए रवाना
IFFRAS ने कहा कि सिख समुदाय अफगानिस्तान में सदियों से रह रहा है, लेकिन पिछले कई दशकों से अफगान सरकार ने उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी हैं। उन्हें रहने के लिए घर तक मुहैया नहीं कराए गए। 26 मार्च 2020 को काबुल के गुरुद्वारे में तालिबानियों गोलियां चलाएं जाने के बाद अधिकतर सिख भारत के लिए रवाना हो गए हैं।

काबुल और गजनी में थे सबसे ज्यादा सिख
IFFRAS ने रिपोर्ट में बताया कि एक समय अफगानिस्तान में सिख समुदाय के हजारों लोग रहते थे लेकिन कई साल से पलायन और हिंसा में मौत के चलते अफगानिस्तान में सिखों की संख्या पहले से काफी कम हो गई है। अब जो सिख शेष रह गए हैं, उनमें से सबसे ज्यादातर काबुल में और कुछ गजनी व नंगरहार में रहते हैं।

लगातार हो रहे सिख समुदाय पर हमले
5 अक्टूबर को 15 से 20 आतंकियों ने काबुल के कर्त-ए-परवान जिले में गुरुद्वारे में घुसकर गार्ड्स को बंधक बना लिया था और तोड़फोड़ भी की है। सिख समुदाय के खिलाफ यह पहली घटना नहीं है। ऐसे मामले अक्सर होते रहते हैं।
पिछले साल जून में अफगान सिख नेता को आतंकियों ने किडनैप कर लिया था। इस मामले में और जानकारी नहीं दी गई थी।
मार्च 2019 में एक सिख व्यक्ति को किडनैप करके उसका कत्ल कर दिया गया था। बाद में अफगानिस्तान पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था जबकि कंधार में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक सिख को गोली मार दी थी।

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