हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मजलिसे वहदत मुस्लिमीन पाकिस्तान के मुख्य प्रवक्ता अल्लामा मकसूद अली डोमकी ने काबुल मस्जिद में हुए बम विस्फोट की कड़ी निंदा करते हुए कहां कि तालिबान सरकार ने निर्दोष नागरिकों का नरसंहार करने के लिए आतंकवादियों को खुली छूट दे रखी है, इस संदेह कि पुष्टी करता है कि ISIS आतंकवाद को तालिबान का पूरा समर्थन प्राप्त हैं।
अफगानिस्तान में हर हफ्ते एक आत्मघाती हमला और एक बम विस्फोट होता है जो एक स्पष्ट संकेत है कि तालिबान सरकार की नज़र में लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा महत्वपूर्ण नहीं है और तालिबान सरकार में शांति स्थापित करने की क्षमता नहीं है। दर्जनों बेगुनाहों की हत्या करने वाले क्रूर आतंकवादियों के सामने रोजेदार को कोड़े मारने और चोर के हाथ काटने वाले तालिबान लाचार और दर्शक क्यों हैं?
उन्होंने आगे कहा कि तालिबान सरकार ने अमन और शांति के सिलसिले में बहुत सारे दावे करती है लेकिन हकिकत में अफगानिस्तान को आतंकवादियों का अड्डा बना दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के मज़लूम लोग हर रोज़ लाशे उठा रहे हैं।
कब्जे के बाद से अफगान लोगों की दुर्दशा कम नहीं हुई है। तालिबान सरकार के ऊँचे-ऊँचे दावों के बावजूद, अफ़ग़ानिस्तान आतंकवाद का अड्डा बना हुआ है और तालिबान सरकार उनकी मददगार प्रतीत होता हैं। तालिबान सरकार बताए कि अब तक शियाओं के नरसंहार में शामिल कितने आतंकवादी पकड़े गए हैं और कितने को सजा दी गई है.