हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वसीम रिज़वी, जिसे हर कोई रिज़वी मानने से इंकार करता है, इस समय आग लगा दी है, दुनिया के सभी मुसलमान, खासकर भारत के लोग बहुत दुखी और गुस्से में हैं।सोशल मीडिया के जरिए उनका कारनामा अब किसी से छिपा नहीं है. वह इस्लाम की आड़ में इस्लाम और मुसलमानों का दुश्मन बन गया हैं।
एक ऐसी दुनिया में जहां इस्लाम और मुसलमानों की पूरी दुनिया में धूमिल हो रही है, इसने भारत की शांति भंग करने के लिए एक नापाक साजिश रची है। इसलिए हमें इसके खिलाफ और इस्लाम और सच्चाई के पक्ष में सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करना चाहिए.
और साथ ही कानून का सहारा लेना चाहिए। मीडिया के माध्यम से इस्लाम, कुरान और इस्लाम के रसूल की रक्षा करें और यही अवसर है जब दुश्मन इस्लाम का अपमान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। किसी भी धर्म को बुरा न कह कर अपने धर्म को सिद्ध करे। इस्लाम के ज़िम्मेदार को दुनिया का सबसे अच्छा नेता बनाओ।
साथ में अपने चरित्र को भी उजागर करें। इस तरह इस्लाम कि तबलिग भी हो जाये गी और दुश्मनों को अपमानित किया जाएगा। इस्लाम की जीत होगी और दुश्मन की हार होगी
कानून का सहारा इसलिए ले ताकी मुल्क में एक जिम्मेदार शहरी होने का हक अदा करें,अपनी भावनाओं को ज्ञान से सींचें। थाने जाकर कहे कि वसीम ने धर्म का अपमान किया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
अगर मामला कोर्ट में पहुंचता है तो न्यायपालिका उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। तब आप बिना किसी भ्रम के जीत जाएंगे
हमारे मज़हबी रहनुमा चाहे मस्जिद के इमाम ही क्यों ना हो या मेंबर के खतीब या अहलेबैत अलैहिस्सलाम के चाहने वाले, वसीम के खिलाफ सभी विरोध दर्ज कराएं
इसके खिलाफ आवाज उठाना न केवल शियाओं की जिम्मेदारी है बल्कि अहले सुन्नत वल जमात की भी जिम्मेदारी है।