۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
कला

हौज़ा/ इंटरनेशनल नूर माइक्रोफिल्म की कोशिश और खाना ए फरहांग इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान (दिल्ली) मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी,उर्दू लिटरेचर लाइब्रेरी, डेली और चैनल सियासत, जामिया निज़ामिया यूनिवर्सिटी के सहयोग से एक इंटरनेशनल कुरआन और विरासत ए इस्लामी पवित्र कला की निरंतरता, सालारजंग म्यूजियम हैदराबाद में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इंटरनेशनल नूर माइक्रोफिल्म की कोशिश और खाना ए फरहांग इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान (दिल्ली) मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी,उर्दू लिटरेचर लाइब्रेरी, डेली और चैनल सियासत,
जामिया निज़ामिया यूनिवर्सिटी के सहयोग से एक इंटरनेशनल कुरआन और विरासत ए इस्लामी पवित्र कला की निरंतरता, सालारजंग म्यूजियम हैदराबाद में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया हैं।
इस प्रदर्शनी का मकसद लेखन की कला को जीवित रखना और भारत में उपलब्ध प्राचीन कला को और उसके नुस्खों को जीवित रखना है और लोगों के सामने इसकी पहचान करानी हैं।

इस प्रदर्शनी का विषय,पवित्र कला और इस्लामी विरासत को जीवित रखना हैं इस प्रदर्शनी में भारत और ईरान में लिखी गई चुनिंदा नुस्खों की पहचान कराई जाएगी और इसके माध्यम से यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि कुरआन करीम की प्राचीन ग्रंथ की विरासत आधुनिक समय में पाई जाती है और अभी भी जारी है।
इस प्रदर्शनी में 60 बहुमूल्य हाथों से लिखे नुस्खे इसी तरह उलुमे कुरआन के विषय पर 15 बहुमूल्य हाथों से लिखे नुस्खे भारतीय और ईरानी मुस्लिम लेखकों द्वारा लिखित 160 कार्य शामिल होंगे

इस प्रदर्शनी में विभिन्न शहरों से ईरान और भारत के महान कलाकार भाग ले रहे हैं। सालार जंग म्यूजियम में 24 रमज़ान से 28 रमज़ान तक पवित्र कला की प्रदर्शनी पांच दिनों तक जारी रहेगी।
इस प्रदर्शनी के स्वागत में सांस्कृतिक, शैक्षणिक और धार्मिक हस्तियों के अलावा राज्य मंत्री (डॉ. महमूद अली), मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सैय्यद ऐनुल हसन और बहुत सारे वहदेदार मौजूद रहेंगें

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टिप्पणियाँ

  • Ali IN 03:46 - 2022/04/25
    0 0
    Very nice