۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
امام خمینیؒ

हौज़ा/इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने कहां,मनुष्य के हाथ में जब कुर्सी और सत्ता आ जाती है तो वह मगरूर हो जाता है ऐसी सूरत में जिम्मेदारियां बढ़ जाती है इंसान को चाहिए कि अपने स्वभाव को नरम रखें!

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने कहां,मनुष्य के हाथ में जब कुर्सी और सत्ता आ जाती है तो वह मगरूर हो जाता है ऐसी सूरत में जिम्मेदारियां बढ़ जाती है इंसान को चाहिए कि अपने स्वभाव को नरम रखें!


ज़ालिम के हाथ में शासन आ जाए तो दुनिया को तबाही की तरफ़ ले जाता है और अगर हम निचले दर्जों की तरफ़ आएं तब भी एक आम इंसान के हाथ में ताक़त और शासन हो उस सरज़मीन को, जहां उसे इक़तेदार हासिल है, तबाह कर देता हैं।

ताक़त और इक़तेदार तब बुलंदियों की तरफ़ ले जाता है जब वह किसी बुद्धिजीवी के हाथ में हो, बुद्धिमान इंसान के हाथ में हो। मुमकिन है कि एक नौजवान बहुत अच्छा हो, बहुत शिष्ट हो लेकिन धीरे-धीरे ज़ालिम बन जाए।

जब ताक़त और सत्ता आपके हाथ में आए तो विनम्र बनने की ज़्यादा कोशिश कीजिए। जब आप किसी समूह के प्रमुख बन जाएं तो विनम्र बनने की ज़्यादा कोशिश कीजिए, इस लिए कि अगर आपने ढिलाई की तो रूहानी ताक़त के मैदान में शैतान आपको ज़मीन पर पटक देगा।

इमाम ख़ुमैनी,

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