हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामाबाद में ईरान के सांस्कृतिक परामर्श के अनुसार पाकिस्तान के ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों ने इस्लामाबाद में ईरानी दूतावास के सांस्कृतिक सलाहकार एहसान ख़जाई के साथ एक बैठक में धर्मों की पवित्र चीजों और पवित्र क़ुरान का सम्मान करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और एक सुर में घोषणा करते हुऐ अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से स्वीडिश चरमपंथियों और पवित्र कुरान का अपमान करने वालों के साथ एक गंभीर दृष्टिकोण अपनाने की मांग की हैं।
इस्लामाबाद में ईरानी दूतावास के सांस्कृतिक सलाहकार एहसान ख़जाई ने पवित्र कुरान के अपमान की निंदा करने में पाकिस्तानी ईसाइयों के सहयोग और सहानुभूति की सराहना करते हुए स्वीडन और डेनमार्क में पवित्र कुरान के अपमान से संबंधित हालिया कार्यों की निंदा की हैं।
इस्लाम और ईसाई धर्मों के बीच समानताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा इस्लाम शांति और सुरक्षा का धर्म है और हमेशा आपसी सम्मान पर जोर देता है।
उन्होंने आगे कहा इन साजिशों का उद्देश्य केवल मुसलमान नहीं हैं बल्कि उनका उद्देश्य दैवीय धर्मों पर हमला करना है इसलिए मुसलमानों की सामान्य भावनाओं को भड़काने और पवित्र वस्तुओं का अपमान करने वाले इन कार्यों को रोकने के लिए दैवीय धर्मों के सामंजस्य की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
पाकिस्तान के ईसाई समुदाय के पादरीयों के प्रतिनिधि ने कहा स्वीडन और डेनमार्क में पवित्र कुरान का अपमान एक अनुचित और बहुत खेदजनक कार्य था और पाकिस्तान के ईसाई समुदाय के रूप में हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
आपकी टिप्पणी