हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में पिछले कई दिनों से बिहार का दर्द कही जाने वाली 'कोसी' नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी, लेकिन सोमवार को इसका प्रकोप और बढ़ गया। जिसके चलते 56 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने की कगार पर है। पानी खेतों से होकर गांवों तक पहुंच रहा है। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और कई गांवों के डूबने की आशंका है। जिसके चलते चार लाख से अधिक आबादी प्रभावित है।
गांव में अचानक जलस्तर बढ़ने से कई जगहों पर बिजली के खंभे गिर गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति भी बंद हो गई है। बाढ़ की तबाही को देखते हुए दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रोशन ने खुद कमान संभाली और अपने कर्मचारियों के साथ मिट्टी से भरी बोरियां अपनी गाड़ी में रखकर 'ओवरफ्लो साइट' पर पहुंचे। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में व्यापक तैयारी नहीं होने के कारण जल संसाधन विभाग के अभियंता ने उन्हें फटकार भी लगायी थी।
सोमवार की सुबह छह बजे तक कोसी नदी में 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। डीएम राज्य्युर्षण ने बताया कि किरतपुर प्रखंड क्षेत्र के जमालपुर थाना अंतर्गत नदी का जलस्तर बांध से डेढ़ से दो फीट ऊपर होने के कारण बांध टूट गया। संबंधित अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार पॉलिथीन शीट वितरित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सामुदायिक रसोई, शिविर चिकित्सा दल और पशु चिकित्सकों को तैनात करने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गयी हैं. जिला प्रशासन स्थिति से पूरी तरह अवगत है।