۸ آذر ۱۴۰۳ |۲۶ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 28, 2024
آيت اللہ بشير نجفی

हौज़ा / नजफ अशरफ़ में हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफिज़ शेख बशीर हुसैन नजफी के केंद्रीय दफ़्तर की ओर से लेबनान में युद्धविराम की घोषणा पर बयान जारी किया गया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,नजफ अशरफ़ में हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफिज़ शेख बशीर हुसैन नजफी के केंद्रीय दफ़्तर की ओर से लेबनान में युद्धविराम की घोषणा पर बयान जारी किया गया है।
बयान का अनुवाद:
संख्या 933, तारीख 24 जमादि अल अव्वल 1446 हिजरी, 27/11/2024 ईसवी
بسم الله الرحمن الرحيم
الحمد لله على ما أبلى، وله الشكر على ما ألهم، والصلاة والسلام على المبعوث رحمة للعالمين، محمد بن عبد الله وعلى آله الغر الميامين، واللعنة الدائمة على أعدائهم أجمعين.
قال (عزّ وجــلّ): (إِنَّما يُوَفَّى الصَّـــابِرُونَ أَجْرَهُمْ بِغَيْرِ حِسَابٍ)
निश्चित रूप से, सब्र करने वालों को बिना हिसाब के अज्र दिया जाएगा।
صدق الله العلي العظيم.
हमने अज़ीज़ लेबनान में युद्धविराम की घोषणा की खबर अत्यंत खुशी और गर्व के साथ सुनी, जो कि ज़ायोनी दुश्मन के खिलाफ फ़िलिस्तीनी लोगों के समर्थन में लंबे संघर्ष और एक लम्बी लड़ाई के बाद आई ,इस दौरान हमारे अजीज़ मुजाहिदों ने बलिदान, इज्जत और शराफत तथा साहस की खूबसूरत मिसाल पेश की,उन्होंने पूरी दुनिया पर यह साबित कर दिया कि वे फ़रज़ंदाने दरसगाहे करबला और हैदर करार अस  के वारिस हैं , और उनके साथ-साथ शरणार्थी परिवारों का धैर्य भी पहाड़ों जैसा मजबूत था, जो विस्थापित होने के बावजूद डटे रहे , अंततः, इस युद्ध का अंत एक महान विजय के साथ हुआ इसके द्वारा, अल्लाह ने ईमानवालों को सम्मानित किया, जैसा कि स्वयं अल्लाह ने अपनी पवित्र क़ुरान में कहा है
(وَكانَ حَقًّا عَلَيْنا نَصْرُ الْمُؤْمِنِينَ , और हमारे लिए यह उचित (हक़) था कि हम ईमानवालों की सहायता करें)।
हम इमाम साहिब अल-अस्र वल-ज़मान (अज) और लेबनान की अजीज़ जनता की ख़िदमत में मुजाहेदीन और मोमिनों की शहादत पर ताज़ियत पेश करते हैं,और इन सब में सरे फेहरिस्त अज़ीम क़ाएद हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन सय्यद ह .स. न नस.रुल्लाह और उनके अजीज़ भाई अल्लामा सय्यद हाशिम सफ़ी उद्दीन (रिज़वाणुल्लाह अलेहिमा) की शहादत पर भी ताज़ियत पेश करते हैं।"
हम बारगाह-ए-ख़ुदावंदी में दुआ गो हैं कि शहीदों के वारिस हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन अल्लामा शेख न.ई.म क़ासिम (अय्यदहुल्लाहो) को साबित क़दमी और हिकमत के साथ क़ाएदीन के मिशन को पूरा करने की तौफीक़ दे ,इसी तरह हम बारगाह-ए-ख़ुदावंदी में दुआ गो हैं कि वह ज़ख़्मियों को जल्द से जल्द सेहतमंदी अता फ़रमाए और अपने करम से हमारे अज़ीज़ों के लिए वह हालत पैदा करे कि वह अपने घरों को अमन और सलामती के साथ वापस लौट सकें।
हम लेबनान की संसद के अध्यक्ष श्री नबीह बिर्री  की भूमिका का भी सम्मान और सराहना करते हैं, जो उनकी रणनीति और व्यवहार में देखा जा सकता है कि उन्होंने प्रतिरोध और राजनीति की संयुक्त पद्धति को कैसे बेहतरीन बनाया है।
अंत में, हम सम्माननीय इराकी लोगों को उनके सम्मानजनक रुख के लिए धन्यवाद देते हैं और हम उन सभी के भी आभारी हैं, जो हमारे प्रिय लेबनानी लोगों के साथ, विशेष रूप से इस्लामी गणराज्य ईरान जो आज़माइश के समय उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।
हम बारगाह-ए-ख़ुदावंदी में दुआ गो हैं कि इमाम साहिब अल-जमान (अज) की बरकत से आवाम और मुल्क को सलामती और हिफाज़त अता फ़र्माए

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