۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
रहबर

हौज़ा/यह रिवायत, जिसे कभी इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने भी नक़्ल किया था जिबरईल बराबर हज़रत फातिमा ज़हरा के पास आया करते थे और पैग़म्बरे इस्लाम के इन्तेक़ाल की ताज़ियत पेश किया करते थे उन्हें तसल्ली देते थे,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,यह रिवायत, जिसे कभी इमाम ख़ुमैनी र.ह.  ने भी नक़्ल किया था कि हज़रत पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम के इंतेक़ाल के बाद, जिबरईल हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के पास आते थे, एक सही रिवायत है।

हमने इस रिवायत के रेफ़रेंस पर नज़र डाली है, इसका हवाला मोतबर है और यह रिवायत बड़ी ठोस है और इस बात में शक की कोई गुंजाइश नहीं कि जिबरईल आते थे। हमारी आज की ज़बान में कहा जाए तो वह हज़रत ज़हरा स.ल.के पास बराबर आया करते थे और पैग़म्बरे इस्लाम के इन्तेक़ाल की ताज़ियत पेश किया करते थे,

उन्हें तसल्ली देते थे और उन्हें बताया करते थे कि पैग़म्बरे इस्लाम किस हालत में हैं, बर्ज़ख़ की दुनिया में, अल्लाह की बारगाह में, पैग़म्बरे इस्लाम के ऊंचे मक़ाम को दिखाया करते थे और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के लिए चित्रण किया करते थे।

उनके बाद भविष्य में उनकी औलाद के साथ पेश आने वाली घटनाओं के बारे में इमाम हसन अलैहिस्सलाम के साथ पेश आने वाली घटना, कर्बला की घटना, बाद के इमामों के साथ पेश आने वाली घटनाएं और हज़रत इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम की घटना उनसे बयान किया करते थे और अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम भी बैठकर यह सारी बातें लिखा करते थे। (उसूले काफ़ी, जिल्द-1, पेज-458) यह बहुत अहम बात है।

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