हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, जामेअतुल मुस्तफा खुरासान के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रूहुल्लाह सईदी फ़ाज़िल ने कहा है कि जामेअतुल मुस्तफा को व्यावहारिक समस्याओं के समाधान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए।
यह बात उन्होंने आज जामेअतुल मुस्तफा खुरासान द्वारा आयोजित एक शोध सम्मेलन में कही, जो "हफ़्ता-ए-तहक़ीक़" के अवसर पर हुआ इस सम्मेलन का आयोजन शोध विभाग और केंद्र-ए-इमाम रज़ा के सहयोग से किया गया था।
उन्होंने शोध के महत्व शैक्षिक प्रगति में इसकी भूमिका और मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि जामेअतुल मुस्तफा को समय की आवश्यकताओं और वैश्विक मांगों के अनुरूप अपनी गतिविधियों को व्यवस्थित करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि शोध केवल सैद्धांतिक न हो बल्कि व्यावहारिक क्षेत्र में समस्याओं को हल करने के लिए होना चाहिए इसके लिए शोध परियोजनाओं को उपलब्ध संसाधनों के आधार पर तैयार किया जाए और नए मुद्दों के समाधान की रणनीति पर ज़ोर दिया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि शोध को एक सहायक गतिविधि के बजाय शैक्षिक प्रक्रिया का मूल हिस्सा बनाया जाना चाहिए, क्योंकि शोध के बिना छात्रों की बौद्धिक प्रगति संभव नहीं है।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रूहुल्लाह सईदी फ़ाज़िल ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षण पद्धति को शोध आधारित बनाएं और छात्रों को नए विचार प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने यह भी बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद जामेअतुल मुस्तफा शोधकर्ताओं को हर संभव सहयोग प्रदान करता है।छात्रों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने ध्यान को विशेष शोध क्षेत्रों पर केंद्रित करें ताकि अपनी क्षमताओं को बेहतर बना सकें।
अंत में उन्होंने कहा कि जामेअतुल मुस्तफा को इस्लामी विज्ञान के प्रसार में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करना चाहिए शोध को केवल शोध पत्रों तक सीमित न रखा जाए बल्कि इसे समस्याओं के समाधान और नए बौद्धिक विचारों को प्रस्तुत करने के लिए इस्तेमाल किया जाए।
समारोह के अंत में प्रमुख शोधकर्ताओं और शिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
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