हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बांग्लादेश के 54वें विजय दिवस के मौके पर अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने एक विशेष भाषण दिया, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए लाखों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक चुनाव संभव हो सकते हैं, और चुनाव से पहले सुधारों का सुझाव दिया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव की तारीख इस बात पर निर्भर करेगी कि राजनीतिक दल किस पर सहमत होते हैं - चुनाव या सुधार।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद ने मुहम्मद यूनुस की सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस के नेतृत्व में सरकार अलोकतांत्रिक है और चरमपंथी धार्मिक ताकतों का समर्थन कर रही है। शेख हसीना ने इस सरकार को "फासीवादी" और "लोकतांत्रिक नहीं" करार दिया, यह आरोप लगाते हुए कि यह सत्ता में बने रहने के लिए जनता की भलाई की परवाह नहीं करती।
यह स्थिति बांग्लादेश की राजनीति में गहरे मतभेदों और तनाव को दर्शाती है, जहां चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र को लेकर गंभीर असहमति हैं।
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