हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नमाज़ की इक्तीसवीं राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस के नाम एक संदेश में धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहसिन क़राअती की निष्ठावान कोशिशों की सराहना करते हुए नमाज़ियों को अव्वले वक़्त नमाज़ पढ़ने और उनके मन व आत्मा सहित व्यक्तिगत और सामाजिक कर्म में नमाज़ के प्रभाव के लिए पूरे ध्यान व तनमयता से नमाज़ पढ़ने पर ताकीद की है उन्होंने कहा कि यह ताकीद दूसरों की तुलना में जवानों से ज़्यादा है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का संदेश इस प्रकार हैः
बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम
अल्लाह का शुक्र है कि नमाज़ के सम्मेलनों का मुबारक क्रम बरसों से जारी है और जनाब क़राअती साहब की इस कोशिश को बरकत हासिल हुयी और जैसा कि अपेक्षा थी, यह कोशिश जारी रही और उम्मीद है कि इसकी बरकतें लगातार जारी रहेंगी।
मेरी पुरज़ोर ताकीद सबसे पहले तो नमाज़ को अव्वले वक़्त अदा करने की है और दूसरे यह कि कोशिश हो कि नमाज़ में ध्यान और एकाग्रता बनी रही, नमाज़ी को मालूम होना चाहिए कि वह उससे बात कर रहा है जो पूरी कायनात और क़यामत के दिन का मालिक है।
इन दो ख़ुसूसियतों के साथ नमाज़, नमाज़ी के मन और आत्मा और फिर उसके व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार पर असर डालती है। यह ताकीद दूसरों की तुलना में जवानों से ज़्यादा है। उम्मीद है कि अल्लाह की तौफ़ीक़ उन्हें हासिल होगी।
आप सब पर सलाम और अल्लाह की रहमत व बरकत हो।
सैयद अली ख़ामेनेई
25 दिसम्बर 2024
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