रविवार 29 दिसंबर 2024 - 08:56
हौज़ा न्यूज जैसे प्लेटफार्म की भूमिका सराहनीय।हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अली रज़ा रिज़वी

हौज़ा / पाकिस्तान के मशहूर इस्लामिक विद्वान और धर्मगुरु हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अली रज़ा रिज़वी ने अपने ईरान दौरे के दौरान हौज़ा न्यूज एजेंसी के प्रतिनिधि से बातचीत की उन्होंने वर्तमान समय में मीडिया के महत्व और ज़रूरत पर जोर देते हुए हौज़ा न्यूज़ की सराहना करते हुए प्रशंसा की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,पाकिस्तान के मशहूर इस्लामिक विद्वान और धर्मगुरु हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अली रज़ा रिज़वी ने अपने ईरान दौरे के दौरान हौज़ा न्यूज एजेंसी के प्रतिनिधि से बातचीत की उन्होंने वर्तमान समय में मीडिया के महत्व और ज़रूरत पर जोर देते हुए हौज़ा न्यूज़ की सराहना करते हुए प्रशंसा की।

मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा,आज के दौर में पूरी दुनिया में शिया समुदाय को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए होजा न्यूज जैसे प्लेटफॉर्म एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा,दुनिया भर में दबे कुचले मुसलमानों और मोमिनों का समर्थन करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है और इस दिशा में हौजा न्यूज़ ने ध्यान आकर्षित किया है।

सैयद अली रज़ा रिज़वी ने पाकिस्तान के पाराचिनार क्षेत्र की समस्या को एक त्रासदी बताया उन्होंने कहा,पाराचिनार में रोज़-ब-रोज़ रास्तों की बंदी और अन्य ज़ुल्म बढ़ रहे हैं इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।

हौज़ा न्यूज जैसे प्लेटफार्म की भूमिका सराहनीय।हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अली रज़ा रिज़वी

शिया समुदाय के समक्ष चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,याद रखें जैसे स्प्रिंग (स्प्रिंग मशीन) को जितना दबाया जाता है वह उतनी ही ऊंचाई पर उछलती है इसी तरह शिया समुदाय पर जितना दबाव डाला जाएगा वह उतना ही निखरकर सामने आएगा क्योंकि सोना आग में तपकर ही कुंदन बनता है।

उन्होंने आगे कहा,9/11 के बाद दुश्मनों की साज़िशों से मुसलमानों में मायूसी फैल गई थी। लेकिन दुनिया ने देखा कि मुसलमान पहले से भी अधिक मज़बूत होकर उभरे इसलिए इन मुश्किलों से घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।

उन्होंने कर्बला के उदाहरण से समझाया,कर्बला की घटना के बाद लोग यह सोचने लगे थे कि इमाम हुसैन अ.स.की शहादत के बाद शायद इस्लाम खत्म हो गया लेकिन सच्चाई यह है कि इस्लाम तभी जीवित हुआ। कर्बला जैसा बड़ा न तो कोई हादसा हुआ है और न होगा। जब उस समय इस्लाम खत्म नहीं हुआ, तो यह कभी भी कमजोर नहीं होगा बल्कि यह और अधिक मज़बूत होगा, इंशाल्लाह।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अली रज़ा रिज़वी का परिचय,सैयद अली रज़ा रिज़वी वर्तमान में यूरोप में निवास कर रहे हैं और मजलिस-ए-उलमा-ए-शिया (यूरोप) के अध्यक्ष हैं।

उनका जन्म 5 मई 1976 को लाहौर पाकिस्तान में हुआ उनका परिवार इंग्लैंड में बस गया जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की इसके बाद उन्होंने बर्मिंघम में धार्मिक शिक्षा की शुरुआत की और उच्च शिक्षा के लिए क़ुम ईरान चले गए। वहां उन्होंने कई वर्षों तक हौज़ा-ए-इल्मिया में पढ़ाई की और 1998 में इस्लामिक स्टडीज़ और अरबी भाषा में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने कई पुस्तकें लिखी और अनुवाद की हैं जिनमें से प्रमुख हैं:

1. किताब अल-तौहीद (शेख सदूक द्वारा लिखित, अल्लाह की एकता पर आधारित पुस्तक)

2. इस्लाम का परिचय

3. इस्लामी कानून (उसूल-ए-दीन)

4. हज़रत फातिमा (स.अ.) के जीवन पर चिंतन (The Broken Bead)

5. सुननी स्रोतों में शिया मत की मान्यताएं

6. इंसानी ज़िंदगी में तक़लीद की भूमिका

हुज्जतुल इस्लाम सैयद अली रज़ा रिज़वी शिया समुदाय के नेतृत्व और शिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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