बुधवार 19 फ़रवरी 2025 - 13:30
किताब "फिक्हे जलील" का अनावरण / इमाम खुमैनी (र) की सुपुत्री की इल्मी व सामाजिक सेवाओं का सम्मान

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन शरियती सबज़वारी ने किताब फिक्ह ए जलील के विमोचन और मोहतरमा फरीदे मुस्तफ़वी की ईल्मी व सामाजिक शख्सियत के सम्मान में आयोजित समारोह में फिक्ह और फाकाहत के महत्व तथा इस्लामी समाज में एक फकीह की केंद्रीय भूमिका पर रौशनी डाली।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहम्मद बाकिर शरियती सबज़वारी ने इस समारोह में जो आयतुल्लाह अबू तालिब तजलील र.ह. के दरूस पर आधारित पुस्तक फिक्हे जलील के विमोचन के अवसर पर आयोजित हुआ इस्लाम में फिक्ह फकाहत के महत्व तथा फकीह की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा,फिक्ह इस्लाम में एक विशिष्ट स्थान रखती है और एक फकीह को दीन की गहरी समझ तथा अहकामे इलाही की सटीक समझ होनी चाहिए।

किताब ,फिक्हे जलील, की रूनुमाई / इमाम खुमैनी र.ह. की सुपुत्री की इल्मी व सामाजिक सेवाओं का सम्मान

हौज़ा इल्मिया के इस प्रख्यात शिक्षक ने आगे कहा,इस्लाम में फिक्ह और फाकाहत केवल धार्मिक आदेशों तक सीमित नहीं है बल्कि यह उसूल (सिद्धांत), अक़ीद (आस्थाएं) और अख़लाक़ (नैतिकता) से भी जुड़ी हुई है।

उन्होंने इमाम जाफर सादिक अ. के कथन का उल्लेख करते हुए कहा,इमाम सादिक अ.स. किताब अलकाफी' में फरमाते हैं:

'إذا أراد الله بعبدٍ خیراً زهّده فی الدنیا و فقّهه فی الدین'

यानी जब अल्लाह किसी बंदे के लिए भलाई चाहता है तो उसे दुनिया से बेरग़ब (निर्लिप्त) बना देता है और उसे दीन में फकीह बना देता है।

उन्होंने कुरआन की आयत,

وَلَوْلَا نَفَرَ مِن کُلِّ فِرْقَةٍ مِّنْهُمْ طَائِفَةٌ لِّیَتَفَقَّهُوا فِی الدِّینِ…'
का हवाला देते हुए कहा,दीन में तफक्कुह केवल फिक्ही मसलों तक सीमित नहीं है बल्कि यह दीन के उसूल और इस्लामी नैतिकता से भी संबंधित है।

किताब ,फिक्हे जलील, की रूनुमाई / इमाम खुमैनी र.ह. की सुपुत्री की इल्मी व सामाजिक सेवाओं का सम्मान

हुज्जतुल इस्लाम शरियती सबज़वारी ने इस्लाम में ज़ोहद के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा,दुनिया से बेरग़बती फिक्ह का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है अगर कोई फकीह दुनियादारी से दूर नहीं रहता तो फिक्ह दुनियादारी की ओर झुकने लगती है।

उन्होंने इमाम जाफर सादिक अ.स. के कथनों की रोशनी में आगे कहा,दुनिया से बेरग़बती के साथ ही फिक्ह और फाकाहत को अधिक गहराई और आध्यात्मिकता प्राप्त होती है।

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