शुक्रवार 17 जनवरी 2025 - 13:43
प्रतिरोध मोर्चे ने इस्लाईली हुकूमत को घुटने टेकने पर मज़बूर कर दिया

हौज़ा / फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉक्टर साएब शाअस ने कहा है कि फिलिस्तीनी प्रतिरोध ने कब्जा करने वाली सरकार की ताकत को कमजोर कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप नेतन्याहू को अपनी सेना का बलिदान करने और समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉक्टर साएब शाथ ने आयरलैंड के शहर बेलफास्ट से अल-आलम न्यूज़ चैनल के साथ एक सीधी बातचीत में अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन के बयान का हवाला देते हुए कहा,फिलिस्तीनी प्रतिरोध ने कब्जा करने वाली सरकार को पूरी तरह परास्त कर दिया है।

उन्होंने खुद को सशस्त्र किया है अपनी पंक्तियों को संगठित किया है और अपने सभी नुकसानों की भरपाई कर ली है।

उन्होंने कहा,सियोनिस्ट सेना ग़ज़ा में फिलिस्तीनी प्रतिरोध को हरा नहीं सकती इसका मतलब है कि नेतन्याहू को युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए पीछे हटना पड़ा और अपनी सेना व बंदियों का बलिदान देना पड़ा ताकि इस युद्धविराम को आने वाले युद्धों में ट्रंप के लिए दोस्ती का प्रतीक बताया जा सके।

डॉ. साएब शाथ ने आगे कहा,हम बाइडेन और उनके साथियों से वादा करते हैं कि हम उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अदालतों में मुकदमे का सामना करने पर मजबूर करेंगे। अगर इन अदालतों में सफल नहीं हुए, तो उन्हें दुनियाभर में जनता की अदालतों में न्याय के कटघरे में खड़ा करेंगे वे दुनिया के सबसे बुरे इंसान हैं और ग़ज़ा में नरसंहार की ज़िम्मेदारी भी उन्हीं पर है।

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