शुक्रवार 26 दिसंबर 2025 - 21:36
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान ईसाई समुदाय पर हमलों पर चिंता जताई

हौज़ा / जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में ईसाई समुदाय पर हमलों पर चिंता जताई और धार्मिक आज़ादी, शांति और व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव पक्का करने के लिए अधिकारियों से तुरंत और असरदार कदम उठाने की मांग की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, नई दिल्ली की एक रिपोर्ट के मुताबिक/ जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने भारत के अलग-अलग हिस्सों में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान ईसाई समुदाय पर होने वाले हमलों, धमकियों और परेशानी की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने मांग की है कि धार्मिक त्योहारों के मौके पर शांति, सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव पक्का करने के लिए अधिकारी समय पर और असरदार कदम उठाएं।

मीडिया को जारी एक बयान में, सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी हिंद ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और असुरक्षा की खबरों पर बहुत चिंतित है। उनके मुताबिक, अगर ऐसे हालात पर तुरंत कंट्रोल नहीं किया गया, तो इससे डर, अविश्वास और सामाजिक बंटवारा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत का संवैधानिक ढांचा बराबरी, धार्मिक आज़ादी और आपसी सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित है, और ऐसी कोई भी स्थिति जो इन मूल्यों को कमज़ोर करती है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने साफ़ किया कि जमात-ए-इस्लामी हिंद ईसाई समुदाय के साथ अपनी पूरी एकजुटता दिखाता है।

सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने बताया कि कुछ इलाकों में ईसाइयों के धार्मिक समारोहों में रुकावट, दफ़नाने के मामलों पर झगड़े और धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत आरोप जैसी घटनाओं को सिविल सोसाइटी संगठनों ने डॉक्यूमेंट किया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे सभी मामलों को कानून के दायरे में और न्यायिक प्रक्रिया के ज़रिए सुलझाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द तभी बना रह सकता है जब संस्थाएं बिना किसी भेदभाव के काम करें और नागरिकों का कानून के राज में भरोसा हो। धार्मिक त्योहारों के दौरान खास सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की ज़रूरत होती है ताकि बिना किसी डर या रुकावट के शांतिपूर्ण माहौल में जश्न मनाया जा सके।

कानून को सही तरीके से लागू करने की अहमियत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि कानूनों को बिना किसी भेदभाव के लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि कानून का गलत इस्तेमाल लोगों का भरोसा कम करता है और शिकायतें बढ़ाता है। उन्होंने आगे कहा कि शांति से की जाने वाली पूजा, भलाई के काम और समाज सेवा को झगड़े या शक की वजह नहीं बनाया जाना चाहिए।

अपनी बात खत्म करते हुए सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि भारत की असली ताकत उसके अलग-अलग सोच वाले और सबको साथ लेकर चलने वाले नेचर में है। जमात-ए-इस्लामी हिंद के मुताबिक, देश की एकता के लिए हर धार्मिक समुदाय के अधिकारों और इज्ज़त की सुरक्षा बहुत ज़रूरी है। उन्होंने अधिकारियों और नागरिकों दोनों से शांति, आपसी सम्मान और संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की अपील की।

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