हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस्राइल के कट्टरपंथी नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री बिन ग्विर ने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू की सरकार से अलग होने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने ग़ज़ा में संघर्षविराम समझौते को मंजूरी दी, तो वह इस्तीफा दे देंगे। यह समझौता अमेरिका और क़तर की मध्यस्थता से तय हुआ है।
बिन ग्विर ने इस समझौते को "लापरवाही का सौदा" बताते हुए कहा कि इससे हमास मजबूत होगा। उन्होंने यह भी कहा कि संघर्षविराम के तहत सैकड़ों फिलिस्तीनी बंदियों की रिहाई और ग़ज़ा के रणनीतिक इलाकों से इस्राइली सेना की वापसी ग़ज़ा युद्ध में मिली सफलताओं पर पानी फेर देगी। इसे उन्होंने हमास के सामने आत्मसमर्पण जैसा करार दिया।
हालांकि, बिन ग्विर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी "ज्यूइश पावर" नेतन्याहू सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेगी। अगर उनकी पार्टी सरकार से अलग हो जाती है, तब भी नेतन्याहू की संसद में बहुमत बरकरार रहेगा और नए चुनाव की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ग्विर ने इस सप्ताह इस्राइली वित्त मंत्री बेज़लेल स्मोट्रिच से संघर्षविराम रोकने के लिए समर्थन मांगा। स्मोट्रिच ने भी इसे "विनाशकारी समझौता" कहा और धमकी दी कि अगर संघर्षविराम के बाद हमास को हराने के लिए इस्राइल फिर से युद्ध नहीं करता, तो उनकी पार्टी भी सरकार से अलग हो जाएगी।
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