हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , याइर लैपिड जो इज़रायल की विपक्षी पार्टी के प्रमुख हैं उन्होने हाल ही में एक बयान में कहा कि हमास युद्ध-विराम समझौते के दूसरे चरण में तब तक सहमत नहीं होगा, जब तक इजरायल की मांग यह रहेगी कि हमास को निरस्त्र किया जाए और उन्हें ग़ाज़ा पट्टी से हटाया जाए। लैपिड ने इस मांग को समझौते की शर्त नहीं बल्कि समझौते के रास्ते में रोड़ा अटकाने का एक जरिया बताया है।
लैपिड ने जोर देकर कहा कि इज़रायल को एक समझौते की जरूरत है ताकि सभी बंधकों को सुरक्षित वापस लाया जा सके और इसके लिए यह आवश्यक है कि युद्ध को रोका जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि नेतन्याहू सरकार, इज़रायल की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और राजनीति के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हुई है। उन्होंने नेतन्याहू सरकार को इज़रायल के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि विपक्षी पार्टियां इस सरकार को हटाने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगी।
याइर लैपिड यह भी आशंका जताई कि इज़रायल की वर्तमान सरकार हमास, युद्ध-विराम समझौते के दूसरे चरण को विफल नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि इज़रायल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोटरिच के आक्रामक बयान और धमकियों के कारण समझौता खतरे में पड़ सकता है। लैपिड ने चेतावनी दी कि सरकार की नीतियां और आंतरिक राजनीति इज़रायल के हितों के लिए हानिकारक साबित हो रही हैं।
इस प्रकार लैपिड का बयान इज़रायल की वर्तमान सरकार की आलोचना करते हुए युद्ध-विराम समझौते को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त करता है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह समझौते की प्रक्रिया में बाधा डाल रही है, जबकि इज़रायल के लिए यह जरूरी है कि वह युद्ध को रोके और बंधकों को वापस लाने के लिए एक स्थायी समाधान खोजे।
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