मंगलवार 21 जनवरी 2025 - 09:58
नहजुल बलाग़ा की शिक्षाओं को सामाजिक जीवन के सभी क्षेत्रों में व्यवहारिक रूप देने की आवश्यकता है

हौज़ा / आयतुल्लाह शेख़ मोहम्मद याक़ूबी ने अपने खिताब में नहजुल बलाग़ा के महत्व और इसकी शिक्षाओं को सामाजिक जीवन में व्यवहारिक रूप देने पर जोर देते हुए कहा, अमीरुल मोमिनीन अ.स. की शिक्षाओं को उजागर करने और उनकी शख्सियत को समाज में परिचित कराने की आवश्यकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,इराक़ के प्रमुख आलिमे दीन आयतुल्लाह याक़ूबी ने अपने दर्से ख़ारिज में कहा,नहजुल बलाग़ा के पुनरुद्धार और इसके बर्कतमंद विषयों को ज़िंदगी के तमाम पहलुओं में व्यवहारिक रूप देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, इंशाअल्लाह एक दिन नहजुल बलाग़ा को भी हौज़े इल्मिया के औपचारिक दरसों में शामिल किया जाएगा जैसे कि क़ुरआन करीम की तफ़सीर को उपेक्षा से बाहर लाकर हौज़े के बुनियादी दरसों का हिस्सा बनाया गया।

आयतुल्लाह याक़ूबी ने क़ुरआन मजीद की आयत
﴿وَقَالَ الرَّسُولُ یَا رَبِّ إِنَّ قَوْمِی اتَّخَذُوا هَٰذَا الْقُرْآنَ مَهْجُورًا﴾
और रसूल ने कहा, ऐ मेरे पालनहार! मेरी क़ौम ने इस क़ुरआन को छोड़ दिया का हवाला देते हुए कहा,नहजुल बलाग़ा की शिक्षाओं को भुलाने के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए इसलिए नहजुल बलाग़ा की शिक्षाओं को सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में व्यवहारिक रूप देने की आवश्यकता है।

उन्होंने अमीरुल मोमिनीन अ.स. के कथनों, शख्सियत, सीरत और उनके दृष्टिकोण पर शोध के लिए एक विशेष संस्था स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। इस कदम का उद्देश्य शिया समुदाय को इमाम अली अ.स. के बारे में बेहतर जानकारी देना और उनकी शख्सियत को दुनिया के सामने पेश करना है, ताकि हज़रत अली अ.स. के कथन उनके लिए हिदायत का ज़रिया बन सकें।

आयतुल्लाह याक़ूबी ने कहा,संयुक्त राष्ट्र ने इमाम अली अ.स. के मलिक अश्तर के नाम लिखे गए पत्र को मानवाधिकारों के प्राचीन और मूल्यवान दस्तावेज़ों में शामिल किया है।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha