अमीरूल मोमेनीन (अ.स.) (81)
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धार्मिकअमीरुल मोमेनीन (अ) की नज़र में इंसान के लिए तीन खतरनाक मुसीबतें
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने चेतावनी दी है कि स्वार्थ, पावर पर अंधा भरोसा और तारीफ़ का बहुत ज़्यादा प्यार, लीडर्स और इंसानों के लिए तीन खतरनाक मुसीबतें हैं।
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धार्मिकग़रीबी और मुश्किल की वजह!
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में ग़रीबी और मुश्किल की एक मुख्य वजह बताई है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकनैतिकता की छाया में सम्मान और अपमान!!
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में फ़रमाया है कि अच्छे और बुरे नैतिक गुण किसी व्यक्ति के सम्मान और अपमान का मापदंड हैं।
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धार्मिकबद अख़लाक़ी; जीवन में कड़वाहट का कारण
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में बुरे अखलाक़ की विशेषताएँ बताई हैं।
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दिन की हदीसः
धार्मिकदिल से शुक्रिया अदा करने का इनाम
हौज़ा/ इस रिवायत में, अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने अल्लाह की नेमतों के लिए दिल से शुक्रिया अदा करने के इनाम की ओर इशारा किया है।
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धार्मिकअमीरुल मोमेनीन (अ) के शब्दों में सबसे बुरा व्यक्ति
हौज़ा/ अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में सबसे बुरे व्यक्ति की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकनेमतों के कम होने में गुनाहों की भूमिका
हौज़ा/ अमीरुल मोमेनीन (अ) ने एक रिवायत मे नेमतों के कम होने में गुनाहों के असर का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकअपनी गलतियों से नाआगाही एक बड़ा पाप है
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने इंसान को अपनी गलतियों और दोषों से ना आगाह रहने के प्रति आगाह किया है।
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धार्मिकगुनाहो से बचना, हक़ीक़ी अक़्लानियत है
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन अली (अ) ने एक रिवायत में उन लोगों की ओर इशारा किया हैं जो गुनाहो के प्रति उदासीन हैं।
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धार्मिकखाने में मियानारवी ईमान की निशानी
हौज़ा / पैगंबर एकरम (स) ने फ़रमाया: मोमिन उतना ही खाता है जितना उसकी ज़रूरत होती है, जबकि काफिर लालची होता है। मोमिन खाने-पीने में मियानारवी और सादगी अपनाता है, कम खाता है, कभी-कभी रोज़ा भी रखता…
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ईरानमोमेनीन की सेवा, हौज़ा ए इल्मिया की फ़ितरत हैः आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया ईरान के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी ने कहा है कि सेवा, आध्यात्मिकता, संस्कृति और आत्म-सुधार हौज़ा ए इल्मिया की वास्तविक आत्मा और प्रकृति का हिस्सा हैं, जिन्हें हर…
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धार्मिकसबसे बुरा दोष और सबसे बड़ा पाप
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में व्यक्ति के दो सबसे बुरे गुणों की ओर इशारा किया है।
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उलेमा और मराजा ए इकरामहौज़ा ए इल्मिया; बौद्धिक, वैचारिक और व्यावहारिक महानता का एक उज्ज्वल अध्याय: आयतुल्लाह बाकि़र मुक़द्देसी
हौज़ा / आयतुल्लाह शेख बाकिर मुक़द्देसी के कार्यालय द्वारा हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत के अवसर पर इमाम मुहम्मद तक़ी (अ) फाउंडेशन में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें…
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धार्मिकइमाम अली (अ) के कलाम मे युद्धों से बचे मुजाहिदीनों से अल्लाह का वादा
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत संख्या 84 में एक अद्भुत बात कही है कि युद्धों से बचे लोगों के वंशज बचे रहते हैं और उनकी संख्या और वंश बढ़ता है, ये वे पीढ़ियाँ हैं जो शहीदों के खून…
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विद्वानो के वाक़ेआतः
उलेमा और मराजा ए इकरामआयतुल्लाह मरंदी: "मुझे आश्चर्य है कि मैं अभी तक पागल क्यों नहीं हुआ!"
हौज़ा/ आयतुल्लाह मरंदी अपने जीवन की आध्यात्मिकता और उपासना के शिखर में इतने डूबे हुए थे कि वे हर पल अपने हृदय में ईश्वरीय प्रेम और ईश्वर के दर्शन की लालसा महसूस कर सकते थे। उनकी उपासना, आँसुओं…
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धार्मिकइमाम अली (अ) और हक़ीक़ी ईमान के चार ज़रूरी स्तंभ
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत संख्या 31 में फ़रमाया है कि ईमान चार स्तंभों पर आधारित है: सब्र, यक़ीन, इंसाफ़ और जिहाद।
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दिन की हदीसः
धार्मिकसमुद्र की तुलना में एक बूँद
हौज़ा / अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने एक संक्षिप्त लेकिन व्यापक फ़रमान में अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुंकर के महत्व पर प्रकाश डाला है।
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उलेमा और मराजा ए इकराममिर्ज़ा जवाद आक़ा मलकी तबरीज़ी की नज़र में अरबईन के शिष्टाचार
हौज़ा / मिर्ज़ा जवाद आक़ा मलकी तबरीज़ी (र), जो स्वयं कई बार नजफ़ से कर्बला तक पैदल गए हैं, अपनी पुस्तक "तरजुमा अल-मुराक़ेबात" में अरबईन हुसैनी के दिन ध्यान और श्रद्धा के महत्व पर ज़ोर देते हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जावदी अमोली:
ईरानजब तक "आलिम और इल्म" के बीच के संबंध को ठीक से नहीं समझाया जाता, तब तक हौज़ा और यूनिवर्सिटी का एकीकरण संभव नहीं है
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह जावदी आमोली ने कहा: आज कुछ वैज्ञानिक और शैक्षिक समाजों में जो ज्ञान प्रचलित है, वह "मृतकों और कोल्ड स्टोरेज" का ज्ञान है; ऐसा ज्ञान न तो महान विद्वानों को प्रशिक्षित करता…
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धार्मिकइच्छाएँ मानव कर्मों को कैसे नष्ट कर देती हैं?
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत संख्या 36 में दीर्घकालिक इच्छाओं को बुरे कर्मों की जड़ बताया है। हालाँकि इच्छाएँ मानव कर्म और प्रयास को प्रेरित करती हैं, लेकिन इसकी अधिकता व्यक्ति…
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धार्मिकक़नाअत के साथ अनमोल मानवी दौलत कैसे पा सकते हैं
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत 57 में क़नाअत को कभी खत्म न होने वाली दौलत बताया है। यह सीख हमें दिखाती है कि सच्चा सुकून और आज़ादी, ज़रूरत की चीज़ों पर क़नाअत करने और शानो-शौकत…
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दिन की हदीसः
धार्मिकसच्चे मोमिन की पहचान
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक ज्ञानवर्धक हदीस में मोमिनों के बीच एक-दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह के महत्व पर प्रकाश डाला है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकतक़वा त्यागने का अंजाम
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन अली (अ) ने एक रिवायत मे तक़वा त्यागने के अंत और परिणामों का वर्णन किया है।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी:
उलेमा और मराजा ए इकरामपूरा दीन अमीरुल मोमेनीन (अ) की विलायत पर निर्भर है
हौज़ा/ हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी ने स्पष्ट किया है कि अमीरुल मोमेनीन (अ) की विलायत एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पूरा दीन निर्भर करता है।
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दिन की हदीसः
धार्मिककम बोलो, अपनी इज्जत और सम्मान की रक्षा करो
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ) ने एक रिवायत में (मौके के हिसाब से) चुप्पी और शांति के फ़ायदे बयान किए हैं।
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धार्मिकपछतावे से बचने का रास्ता
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में पछतावे से बचने का रास्ता बताया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकअनैतिक व्यक्ति का कड़वा जीवन
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में अनैतिक व्यक्ति की विशेषता को इंगित किया है।
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ईरानअगर समाज कुरानिक होगा तो दुश्मन हमला करने की हिम्मत नहीं करेगा: आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली
हौज़ा/मरजा तकलीद आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी आमोली ने कहा है कि यदि कोई समाज वास्तव में कुरानिक है, तो दुश्मन उस पर हमला करने की हिम्मत नहीं करेगा।
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दिन की हदीसः
धार्मिकसबसे बड़ी नेमत
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने एक रिवायत मे मनुष्य के लिए सबसे बड़ी नेमत की ओर इशारा किया हैं।