हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस रैली का आयोजन जनाब अली अकबर (अ) की विलादत और इस्लामी क्रांति की 46वीं सालगिरह के अवसर पर किया गया था। यह रैली सबसे बड़ी थी और इसे अंजमने ह अल-ज़माँ (अ) के तत्वाधान में निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया।
रैली में लाहौर से आए हुए विद्वान हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन शेख कासिम और कारगिल से आए हुए मेहमान जनाब शेख खलीली साहब, अंजमने साहिब ज़मान के धार्मिक मामलों के प्रमुख जनाब हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आका सईद जाफ़र रिज़वी, जनाब हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आका सईद हुसैन रिजवी, जनाब शेख मन्सूर नासरी, सईद ऐनुलहुदा हुसैनी, आगा सईद अब्बास रिजवी, पूर्व कार्यकारी काउंसलर और अन्य सम्मानित व्यक्तियों ने भी भाग लिया।
रैली के इंतजामात 'बसीज बकियातुल्लाह' और अंजमने-साहिब ज़मान द्वारा किया गया था। रैली विभिन्न इलाकों से होती हुई मुसल्ला दवा खाना पहुंची, जहां एक बड़ा जलसा आयोजित किया गया।
जलसे की शुरुआत तिलावत-ए-कलाम-ए-इलाही से हुई, जबकि मनकबत ख्वान हजरात ने अपना कलाम पेश किया। विशेष मेहमानों ने इस दिन की अहमियत के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और इस्लामी क्रांति की सालगिरह और जनाब अली अकबर (अ) की विलादत के बारे में भी प्रकाश डाला।
आखिर में, जनाब हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आका सईद जाफ़र रिजवी साहब ने मेहमानों और खासतौर पर बसीज बकियातुल्लाह के जवानों का धन्यवाद अदा किया।
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