हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की हालिया शांति और सुरक्षा को लेकर की गई टिप्पणियों के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच आपसी तनाव पढ़ने लगा।
चीन की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान डार ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के महत्व पर जोर दिया। जवाब में अफगानिस्तान ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है।
अफगानिस्तान के सैन्य विश्लेषक जालमई अफगान यार ने कहा,पाकिस्तान के विदेश मंत्री की टिप्पणी विरोधाभासी है अफगानिस्तान सहयोग, अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप न करने और पाकिस्तान तथा दुनिया सहित सभी की सुरक्षा पर आधारित अर्थव्यवस्था चाहता है।
यदि क्षेत्रीय और सीमा विवाद हैं, तो उन्हें बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान पाखंड छोड़ देगा और अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों में आपसी सम्मान के सिद्धांतों को बनाए रखेगा।
इससे पहले कई मौकों पर अफगान सरकार ने दावा किया है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं किया जा रहा है बल्कि, यह पड़ोसी देशों के क्षेत्र हैं जिनका इस्तेमाल अफगानिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है।
एक अन्य अफगान सैन्य मामलों के विशेषज्ञ सादिक शिनवारी ने हाल ही में मांग की कि पाकिस्तान पहले अपने क्षेत्र में संचालित आतंकवादी ढांचे और केंद्रों को खत्म करे और अफगानिस्तान के प्रति दोहरे मानकों की नीति का पालन करना बंद करे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने क्षेत्र में दाएश की गतिविधियों के बारे में एक बैठक की। संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी अधिकारियों ने बैठक के दौरान चेतावनी दी कि आतंकवादी समूह दाएश, जिसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) के नाम से भी जाना जाता है, अपने अभियानों को खत्म करने के लिए वर्षों से किए जा रहे निरंतर प्रयासों के बावजूद वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।
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