हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के एक वरिष्ठ नेता अब्दुल रहमान शदीद ने एक बयान में फिलिस्तीनी जनता से अपील की है कि वे रमजान के पवित्र महीने में बड़ी संख्या में मस्जिद ए अलअक्सा में उपस्थिति दर्ज कराएं और इज़राईली शासन द्वारा यरुशलम पर लगाए गए प्रतिबंधों व सैन्य उपायों को तोड़ें।
उन्होंने बयान में जोर देते हुए कहा कि हमें मस्जिद अलअक्सा की ओर बढ़ना चाहिए अपनी उपस्थिति को मजबूत करना चाहिए और रमजान के पूरे महीने में वहां डटे रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कब्ज़ाधारी ताकतों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं करना चाहिए, बल्कि पूरी ताकत से उनका सामना करना चाहिए और इस पवित्र मस्जिद पर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक अधिकार पर अडिग रहना चाहिए।
शदीद ने आगे कहा कि रमजान के महीने को मस्जिद अल-अक्सा की रक्षा के लिए एक अवसर के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए और बड़ी संख्या में नमाज़ियों और एतेकाफ़ करने वालों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि मस्जिद की रक्षा करना यरुशलम, 1948 के कब्जे वाले क्षेत्रों और वेस्ट बैंक के उन सभी निवासियों की जिम्मेदारी है जो वहां पहुंच सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कब्ज़ाधारी ताकतों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और उनकी यहूदीकरण की योजनाएं मस्जिद अलअक्सा को उसके असली मालिकों से अलग नहीं कर सकतीं बल्कि, यह कदम लोगों के भीतर इस पवित्र मस्जिद की रक्षा करने और ज़ायोनी योजनाओं का विरोध करने की भावना को और अधिक मजबूत करेंगे।
इससे पहले हमास ने एक बयान में ज़ायोनी शासन द्वारा रमजान के महीने में मस्जिद अल-अक्सा में प्रवेश को सीमित करने की योजनाओं की निंदा की थी उन्होंने जनता से इस पवित्र स्थल में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रहने और इस पर अपना नियंत्रण थोपने के दुश्मन के सभी प्रयासों का विरोध करने का आग्रह किया था।
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