बुधवार 12 मार्च 2025 - 08:18
11 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 12 मार्च 2025

हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 11 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 12 मार्च 2025

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

☀ आज:
बुधवार:  रमज़ान उल मुबारक 1446 की 4 और मार्च 2025 की 5 तारीख है

☀ घटनाएँ:

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 ☀ पूर्ववर्ती घटनाएँ:

▪️4 दिन उम्मुल मोमेनीन हज़रत खदीज़ा (स) की वफ़ात मे

▪️7 दिन इमाम हसन मुज्तबा (स) की विलादत मे

▪️9 दिन पहली शब ए क़द्र मे

▪️10 दिन अमीरुल मोमेनीन (अ) की शहदत मे

▪️11 दिन दूसरी शब ए क़द्र मे

☀ आज का दिन मखसूस है:
1- हज़रत मूसा बिन जाफ़र काज़िम (अ) से।

2- हज़रत अली बिन मूसा अल रज़ा (अ) से।

3- हज़रत मुहम्मद बिन अली अल तक़ी (अ) से।

4- हज़रत हादी अली बिन मुहम्मद अल नक़ी (अ) से।

 ☀ आज के अज़कार:
- या हय्यो या क़य्यूम (100 बार)
- हसबियल्लाहो नेअमल वकील (1000 बार)
- या मुताआलो (541 बार)

☀ इमाम हसन अस्करी (अ.स.) का फ़रमान:

आज, बुधवार को चार रकअत नमाज़ पढ़े और हर रकअत मे सूर ए हम्द के बाद एक बार सूर ए तौहीद और सूर ए क़द्र पढ़े, तो अल्लाह तआला उसकी तौबा को हर गुनाह और ख़ता से क़बूल फ़रमाएगा और जन्नत मे उसे हूर उल ईन अता करेगा, रावी ने इमाम (अ) से पूछा कि यह नमाज़ किस समय पढ़ी जाए आपने फ़रमायाः सूरज निकलने से लेकर जवाल तक मे पढ़ी जाए (माफ़ातीह अल जिनान)

☀ बुधवार की दुआ

بِسْمِ اللّهِ الرَحْمنِ الرَحیمْ  बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम

खुदा के नाम से (शुरू करता हूं) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है।

اَلْحَمْدُ لِلّٰہِِ الَّذِی جَعَلَ اللَّیْلَ لِباساً، وَالنَّوْمَ سُباتاً، وَجَعَلَ النَّہارَ نُشُوراً، لَکَ अल्हमदो लिल्लाहिल लज़ी जआलल लैला लेबासा, वन्नौमा सुबाता, व जआलन नहारा नुशूरा, लका

हमद उस खुदा के लिए है जिस ने रात को परदे और नींद को आराम का ज़रिया बनाया और दिन को काम काज के लिए क़रार दिया तेरे लिए 

الْحَمْدُ أَنْ بَعَثْتَنِی مِنْ مَرْقَدِی وَلَوْ شِئْتَ جَعَلْتَہُ سَرْمَداً، حَمْداً دائِماً لاَ یَنْقِطعُ अल हम्दो अन बअसतनी मिन मरकदी वलौ शेएता जअलतहू सरमदा, हमदन दाऐमन ला यनक़ेतो

हमद है कि तूने मुझे मेरी खाबगाह से जिंदा उठाया और अगर तू चाहता तो इस नींद को दाएमी बना देता। तेरी ऐसी हम्द जो हमेशा रहे कभी ख़त्म 

أَبَداً، وَلاَ یُحْصِی لَہُ الْخَلائِقُ عَدَداً، اَللّٰھُمَّ لَکَ الْحَمْدُ أَنْ خَلَقْتَ فَسَوَّیْتَ، وَقَدَّرْتَ अबदन, वला योहसी लहूल ख़लाएक़ो अददन, अल्लाहुम्मा लकल हम्दो अन ख़लक़ता फ़सव्वयता, व कद्दरता

ना हो कि जिसकी तादाद को मखलूक़ शुमार न कर सके। ऐ माबूद तेरी ही लिए हमद है कि तूने पैदा किया तो दुरूस्त पैदा किया 

وَقَضَیْتَ، وَأَمَتَّ وَأَحْیَیْتَ، وَأَمْرَضْتَ وَشَفَیْتَ، وَعافَیْتَ وَأَبْلَیْتَ، وَعَلَی الْعَرْشِ व क़जयता, व अमत्ता व अहययता, व अमरज़ता व शफयता, व आफ़यता व अबलयता, व अलल अर्शे

और क़ज़ा व क़द्र बनाई तो मौत देता और जिंदगी बश्ता है बीमार करता है शिफ़ा देता तू बचाता है और आज़माता है और अर्श पर तेरी हकूमत 

اسْتَوَیْتَ، وَعَلَی الْمُلْکِ احْتَوَیْتَ، أَدْعُوکَ دُعَائَ مَنْ ضَعُفَتْ وَسِیلَتُہُ، وَانْقَطَعَتْ इस्तवयता, व अलल मुल्के एहतवयता, अदऊका दुआया मन ज़औफ़त वसीलतहू, व इनंक़तअत

और मुल्क तेरे कब्ज़े क़ुदरत मे है मै तुझे ऐसे व्यक्ति की तरह पुकारता हूं जिस का वसीला कमज़ोर हो, चारा ए कार मुंकता

حِیلَتُہُ، وَاقْتَرَبَ أَجَلُہُ، وَتَدَانٰی فِی الدُّنْیَا أَمَلُہُ، واشْتَدَّتْ إلَی رَحْمَتِکَ فاقَتُہُ، हीलतहू, वक़तरबा अजलहू, व तदाना फ़िद दुनिया अमलूहू, वश्तद्दत इला रहमतेका फ़ाकतोहू

हो गया हो, मौत क़रीब आ गई हो, और वह दुनिया की आरज़ू मे गिरफ्तार हो और तेरी रहमत का बहुत ज्यादा मोहताज हो, उसकी कोताहीयो के 

وَعَظُمَتْ لِتَفْرِیطِہٰ حَسْرَتُہُ وَکَثُرَتْ زَلَّتُہُ وَعَثْرَتُہُ وَخَلُصَتْ لِوَجْھِکَ تَوْبَتُہُ فَصَلِّ व अज़मत लेतफ़रीतेही हसरतहू व कसोरत ज़ल्लतहू व अस्रतोहू व ख़लसत लेवजहेका तौबतोहू फ़सल्ले 

बाइस उसकी हसरते बढ़ चुकी हो और उसकी लग़ज़िशे और ठोकरें बहुत ज्यादा हो और तेरे हुज़ूर सच्ची तौबा कर रहा हूँ बस तू नबीयो के 

عَلَی مُحَمَّدٍ خاتَمِ النَّبِیِّینَ وَعَلَی أَھْلِ بَیْتِہِ الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ وَارْزُقْنِی شَفاعَۃَ अला मोहम्मदिन ख़ातेमिन नबीय्यीना व अला अहले बैतेहित तय्येबीनत ताहेरीना वरज़ुक़नी शफ़ाअता

ख़ातम मुहम्मद मुस्तफ़ा (स) पर रहमत फ़रमा और उनके पाक व पाकीज़ा अहले बैत (अ) पर भी रहमत फ़रमा और मुझे मुहम्मद (स) और आले मुहम्मद (अ) की शिफ़ाअत व हिमायत 

مُحَمَّدٍ صَلَّی اللّهُ عَلَیْہِ وَآلِہِ وَلَاتَحْرِمْنِی صُحْبَتَہُ إنَّکَ أَنْتَ أَرْحَمُ الرَّاحِمِینَ मुहम्मदिन सल लल्लाहो अलैहे वा आलेहि वला तहरिमनी सोहबतहू इन्नका अंता अरहमुर राहेमीना

नसीब फ़रमा और मुझे उनके क़ुर्ब से महरूम ना फ़रमा। बे शक तू सब से ज्यादा रहम करने वाला है। ऐ माबूद इस बुधवार के दिन  

اَللّٰھُمَّ اقْضِ لِی فِی الْاَرْبَعائِ أَرْبَعاً اجْعَلْ قُوَّتِی فِی طَاعَتِکَ وَنَشَاطِی فِی عِبَادَتِک अल्लाहुम्मक़ज़े ली फ़िल अरबाऐ अरबअन इज्अल क़ुव्वती फ़ी ताअतेका व नेशाती फ़ी इबादतेका

मेरी चार हाजते पूरी फ़रमा कि मेरी क़ुव्वत अपनी इताअत मे लगा दे, मेरी खुशी अपनी इबादत मे क़रार दे और मेरी तवज्जो अपने 

وَرَغْبَتِی فِی ثَوَابِکَ وَزُھْدِی فِیَما یُوجِبُ لِی أَلِیمَ عِقَابِکَ إنَّکَ لَطِیفٌلِمَا تَشَائُ۔ व रग़बती फ़ी सवाबेका व ज़ोहदी फ़ीमा यूजेबो ली अलीमुन ऐक़ाबेका इन्नका लतीफ़ुन लेमा तशाओ

सवाब की तरफ दे और जिस चीज़ से मुझ पर तेरा सख्त अज़ाब आता हो मुझे उस से दूर फ़रमा कि बेशक तू जिस पर चाहे लुत्फ फ़रमाता है।

☀ बुधवार के दिन चार आइम्मा की ज़ियारत 

बुधवारः यह हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ), हज़रत इमाम अली रज़ा (अ), हज़रत इमाम मुहम्मद तक़ी (अ) और इमाम अली नक़ी (अ) का दिन है 

اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا ٲَوْلِیَائَ اللّهِ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا حُجَجَ اللّهِ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ یَا نُورَ अस सलामो अलैकुम या औलेयाअल्लाहे, अस सलामो अलैकुम या हुजजल्लाहे, अस सलामो अलैकुम या नूरा

आप पर सलाम हो ऐ औलिया ए ख़ुदा आप पर सलाम हो जो खुदा की दलील व हुज्जत है आप पर सलाम हो जो ज़मीन की 

اللّهِ فِی ظُلُمَاتِ الْاَرْضِ، اَلسَّلاَمُ عَلَیْکُمْ، صَلَواتُ اللّهِ عَلَیْکُمْ وَعَلَی آلِ بَیْتِکُمُ अल्लाहे फ़ी ज़ुल्मातिल अर्ज़े, अस सलामो अलैकुम, सलवातुल्लाहे अलैकुम व अला आले बैतेकुम

तारीकीयो मे खुदा का नूर है आप पर सलाम हो ख़ुदा की रहमते हो आप पर और आपके पाक व पाकीज़ी

الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ، بِٲَبِی ٲَ نْتُمْ وَٲُمِّی، لَقَدْ عَبَدْتُمُ اللّهَ مُخْلِصِینَ، وَجَاھَدْتُمْ فِی अत्तय्येबीन त्ताहेरीना, बे अबी अंतुम व उम्मी, लक़द अबदतोमुल्लाहा मुखलेसीना, व जाहदतुम फ़ी

अहले बैत (अ) पर आप पर मेरे मा बाप क़ुरबान आप ने मुखलेसाना तौर पर ख़ुदा की इबादत की और ख़ुदा की राह मे  

اللّهِ حَقَّ جِھَادِھِ حَتَّی ٲَتاکُمُ الْیَقِینُ فَلَعَنَ اللّهُ ٲَعْدائَکُمْ مِنَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ ٲَجْمَعِینَ अल्लाहे हक़्क़ा जेहादेहि हत्ता अताकोमुल यक़ीनो फ़लआनल्लाहो आदाअकुम मेनल जिन्ने वल इंसे अजमईन

जिहाद किया जिस तरह जिहाद करने का हक़ है हत्ता कि आपकी अजल आ गई बस ख़ुदा लानत करे आपके तमाम दुश्मनो पर जो जिनो और इंसानो 

وَٲَ نَا ٲَبْرَٲُ إلَی اللّهِ وَ إلَیْکُمْ مِنْھُمْ، یَا مَوْلایَ یَا ٲَبا إبْراھِیمَ مُوسَی بْنَ جَعْفَرٍ व अना अब्रओ ऐलल्लाहे व इलैकुम मिन्हुम, या मौलाया या अबा इब्राहीमा मूसा बिन जाफ़र

मे से है मै आपके और आपके सामने इन से बराअत करता हूं ऐ मेरे सरदार ए अबू इब्राहीम मूसा काज़िम (अ) बिन जाफ़र सादिक़ (अ)

یَا مَوْلایَ یَا ٲَبَا الْحَسَنِ عَلِیَّ بْنَ مُوسی، یَا مَوْلایَ یَا ٲبا جَعْفَرٍ مُحَمَّدَ بْنَ عَلِیٍّ या मौलाया या अबल हसने अली इब्ने मूसा, या मौलाया या अबा जाफ़र मुहम्मदिन बिन अली

ऐ मेरे सरदार ऐ अबुल हसन (अ) अली रज़ा (अ) बिन मूसा काज़िम (अ) ऐ मेरे सरदार ऐ अबू जाफ़र मुहम्मद तक़ी (अ) बिन अली रज़ा (अ)  

یَا مَوْلایَ یَا ٲَبَا الْحَسَنِ عَلِیَّ بْنَ مُحَمَّدٍ، ٲَ نَا مَوْلیً لَکُمْ مُوَْمِنٌ بِسِرِّکُمْ وَجَھْرِکُمْ، या मौलाया या अबल हसने अलि बिन मुहम्मद, अना मौला ए लकुम मोमेनुन बेसिर्रेकुम वजहरेकुम

ऐ मेरे सरदार ऐ अबुल हसन (अ) अली नक़ी (अ) बिन मुहम्मद तक़ी (अ) मै आप सब का ग़ुलाम हूँ आपके नेहा व अयां पर ईमान रखता हूं 

مُتَضَیِّفٌ بِکُمْ فِی یَوْمِکُمْ ہذَا وَھُوَ یَوْمُ الْاَرْبَعائِ وَمُسْتَجِیرٌ بِکُمْ، فَٲَضِیفُونِی मुताज़य्येफ़ुन बेकुम फी यौमेकुम बेज़ा व होवा यौमुल अरबाए व मुस्तजीरून बेकुम, फ़अज़ीफ़ूनी

यह आपका दिन है मै इस मे आप का मेहमान हूँ। यह बुधवार का दिन है और आपकी पनाह मे हूँ बस मेरी मेहमान नवाज़ी कीजिए  

وَٲَجِیرُونِی بِآلِ بَیْتِکُمُ الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ ۔ व अजीरूनी बेआले बैतेकोमुत तय्येबीनत ताहेरीन

और मुझे पनाह दीजिए । आपको आपके पाक व पाकीज़ा ख़ानदान का वास्ता देता हूँ।

الـّلـهـم صـَل ِّعـَلـَی مـُحـَمـَّدٍ وَ آلِ مـُحـَمـَّدٍ وَ عـَجــِّل فــَرَجـَهـُم अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिन वा आले मुहम्मद व अज्जिल फ़राजहुम

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