हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सरकार के इस कदम को इजरायल विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के प्रयासों का हिस्सा बताया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, "हम हर दिन ऐसे व्यक्तियों की पहचान करते हैं और उनके वीजा रद्द करते हैं। उम्मीद है कि एक दिन ऐसा आएगा जब उनमें से कोई भी नहीं बचेगा।"
यह बयान ऐसे समय में आया है जब तुर्की के पीएचडी छात्र रुमिज ओजतुर्क को उनके घर के पास से गिरफ्तार किया गया। ओज़्तुर्क ने अपने विश्वविद्यालय के समाचार पत्र में एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें गाजा में इजरायली कार्रवाई को नरसंहार घोषित करने का प्रस्ताव था।
अन्य उल्लेखनीय गिरफ्तारियों में फिलिस्तीनी नागरिक महमूद खलील, जो संयुक्त राज्य अमेरिका का स्थायी निवासी था, और भारतीय मूल के शोधकर्ता बद्र खान सूरी शामिल हैं। इन उपायों को शैक्षणिक संस्थानों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार तथा फिलिस्तीनी समर्थकों को चुप कराने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी सरकार ने फिलीस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने वाले 300 विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर दिए हैं, जिसे इजरायल विरोधी प्रदर्शनों को दबाने का एक समन्वित प्रयास बताया जा रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस संबंध में कहा: "हम हर दिन ऐसे व्यक्तियों की पहचान करते हैं और उनके वीजा रद्द करते हैं। उम्मीद है कि एक दिन ऐसा आएगा जब उनमें से कोई भी नहीं बचेगा।"
यह बयान तुर्की के पीएचडी छात्र रुमिज ओजतुर्क को उसके घर के पास से गिरफ्तार किये जाने के बाद आया। ओज़्तुर्क ने अपने विश्वविद्यालय के समाचार पत्र में एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें गाजा में इजरायली अत्याचारों को नरसंहार घोषित करने की मांग की गई थी।
अन्य प्रमुख बंदियों में फिलिस्तीनी मूल के अमेरिकी निवासी महमूद खलील और भारतीय मूल के शोधकर्ता बद्र खान सूरी शामिल हैं। विशेषज्ञ इन उपायों को शैक्षणिक संस्थानों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार तथा फिलिस्तीनी आंदोलन के समर्थकों को चुप कराने का प्रयास बता रहे हैं।
आपकी टिप्पणी