हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी आंदोलन हमास ने चेतावनी दी है कि ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सेना की जारी आक्रामकता को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाएगा और समय बीतने के साथ इन अपराधों को भुलाया नहीं जाएगा।
हमास ने एक बयान में कहा, "इजरायली आतंकवादी सेना ने शुजाइया के घनी आबादी वाले इलाके में शरणार्थियों और नागरिकों का नरसंहार किया है, जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए अपमान की बात है।"
हमास ने अरब और इस्लामी देशों के नेताओं से आह्वान किया कि वे महज औपचारिक निंदा से आगे बढ़कर इजरायल और उसके अमेरिकी संरक्षकों पर दबाव बढ़ाने के लिए व्यावहारिक कदम और प्रभावी उपाय करें।
बयान में कहा गया, "यह अस्वीकार्य है कि फिलिस्तीनी लोगों को इस निर्णायक लड़ाई में असहाय छोड़ दिया जाए। अरब और इस्लामी सरकारों को इजरायल के खिलाफ व्यावहारिक दबाव बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।"
हमास ने इजरायल के साथ संबंध बनाए रखने वाले देशों से "अपने यहां यहूदी दूतावासों को बंद करने और अवैध यहूदी राज्य के साथ सभी संबंध तोड़ने" का आह्वान किया।
बयान के अंत में, हमास ने अरब और इस्लामी देशों तथा दुनिया भर के स्वतंत्रता सेनानियों से अपील की कि वे गाजा के लोगों के साथ एकजुटता में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखें तथा इजरायल के सामूहिक नरसंहार को रोकने के लिए इन प्रदर्शनों को और तेज करें।
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