हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार , हैदराबाद / जमात-ए-इस्लामी हिंद तेलंगाना द्वारा निर्दोष फिलिस्तीनियों पर इजरायल की आक्रामकता और उग्रवाद के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एक सर्वदलीय ऑनलाइन विरोध रैली आयोजित की गई। इजरायल के अत्याचारों और फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के अन्यायपूर्ण कब्जे के विरोध में हजारों लोगों ने सोशल मीडिया कार्यक्रम में हिस्सा लिया। जमात-ए-इस्लामी हिंद, तेलंगाना के अमीरे हलका मौलाना हामिद मोहम्मद खान ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इजरायल को फिलिस्तीन पर अपने अवैध वर्चस्व को खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया की दमनकारी ज़ायोनी ताकतें और साजिशें इन ऑपरेशनों को अंजाम दे रही हैं। मौलाना ने कहा कि हम फिलिस्तीन के निर्दोष निहत्थे भाइयों के साथ हैं और फिलिस्तीनी युवाओं, बुजुर्गों, माताओं और बच्चों के साथ अपने विचार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि युद्धविराम की घोषणा कर दी गई है लेकिन इजरायल को फिलिस्तीन पर अपने अवैध कब्जे को खत्म करने की जरूरत है। यरुशलम पर लगाए गए प्रतिबंधों को उठाएं और फिलिस्तीनियों को शांति से रहने दें। उन्होंने मुस्लिम उम्मा से व्यक्तिगत रूप से जागने की अपील की, यह समय सपने देखने का नहीं है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने अपने संबोधन में कहा कि येरुशलम की मुक्ति हम सभी की राष्ट्रीय और धार्मिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मुसलमान खुद अल-अक्सा मस्जिद को भूल रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम विद्वानों से शुक्रवार और अन्य अवसरों पर इस्लामिक राष्ट्र को अल-अक्सा मस्जिद के गुणों से अवगत कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस्राइली आक्रमण को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भी दबाव डाला जाना चाहिए। मौलाना रहमानी ने कहा कि हम सीधे फिलिस्तीनियों तक नहीं पहुंच सकते लेकिन ऐसे मामलों में हम अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं और मौजूदा संघर्ष विराम का असर भी देखा गया है। मौलाना ने मुस्लिम उम्माह और न्यायप्रिय लोगों से इस्राइली उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की।
हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा कि यहूदीवाद का वायरस इस समय पूरी दुनिया के लिए चुनौती पेश कर रहा है। ओवैसी ने कहा कि भौतिक और आधुनिक हथियारों के मामले में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। बल्कि, इजरायल फिलिस्तीनियों का नरसंहार करना चाहता है। उन्होंने फिलिस्तीनी भूमि पर इजरायल के अवैध और अनैतिक अस्तित्व को एक काला धब्बा बताया। असद ओवैसी ने कहा कि हम मुसलमानों को कम से कम अपनी भाषा, भावनाओं और प्रार्थनाओं से फिलिस्तीनियों का समर्थन करना चाहिए। जॉर्डन के जाने-माने अरब पत्रकार, लेखक और अहवर इंटरनेशनल टीवी चैनल के प्रधान संपादक श्री आजम तमीमी ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि यरुशलम पहला क़िबला है, केवल दो पड़ोसियों और समुदायों का मामला नहीं है, बल्कि एक वैश्विक और राष्ट्रीय मुद्दा। उन्होंने कहा कि यह युद्धविराम पहली और आखिरी घटना नहीं है बल्कि फिलिस्तीन और यरुशलम को पूरी तरह से आजाद होना चाहिए और इंशा अल्लाह आजाद रहेगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ यह इजरायल, अमेरिका और यूरोप के समर्थन से मजबूत हो रहा है और दूसरी तरफ मुस्लिम अरब देश भी इजरायल को मजबूत करने में एक गुप्त भूमिका निभा रहे हैं। आजम तमीमी ने कहा कि यह युद्ध ज़ायोनी शक्तियों द्वारा शुरू किया गया था। ये ताकतें मुस्लिम जमीनों और मस्जिदों पर कब्जा करना चाहती हैं, हमें एकजुट होकर लड़ना होगा।
श्री जिया-उद-दीन नायर सदर ने कल कहा कि इजरायल की आक्रामकता की यथासंभव निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को किसी भी तरह के आत्म-बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। मौलाना मुफ्ती हाफिज सैयद शाह सादिक मोहि-उद-दीन फहीम दार-उल-काजा वफ्ता के मुफ्ती निजामी ने कहा कि फिलिस्तीनी भाइयों और बहनों की भावना और कार्य सराहनीय और अनुकरण के योग्य है। उन्होंने मुस्लिम देशों से फिलिस्तीन की मदद के लिए आगे आने की अपील की। डॉ सैयद निसार हुसैन हैदर आगा, भारत के राष्ट्रपति और शिया उलेमा और जाकिरों ने कहा कि इजरायल की क्रूरता उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले मुसलमान सभी एक दूसरे के भाई हैं। मौलाना सैयद तकी रजा आबिदी ने अपने भाषण में कहा कि युद्धविराम एक तरह से इजरायल है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन और हमास को इस समय मदद की सख्त जरूरत है और अरब देशों और अन्य न्यायसंगत देशों को इजरायल में अपना व्यापार और निवेश बंद कर देना चाहिए।राज्यसभा के पूर्व सदस्य श्री अजीज पाशा ने कहा कि भारत, इजरायल राजनयिक और व्यापार संबंधों को समाप्त करते हैं और दबाव डालते हैं। इजरायल पर अपने आक्रामक व्यवहार को रोकने के लिए आउबनास जे एस के अध्यक्ष प्रो. कोडुंडा राम ने कहा कि फिलीस्तीनियों की स्थिति अपने ही देश में अप्रवासियों की तरह हो गई है और इजरायल उनके शेष संसाधनों को जब्त करना चाहता है। विश्वास और न्याय की आवाज होनी चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर इजरायली अत्याचारों के खिलाफ विरोध का आह्वान किया।
महराब फाउंडेशन के चेयरमैन मुफ्ती ग्यास अहमद रशदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम निश्चित रूप से इजरायल के उत्पादों से परिचित हैं।