बुधवार 16 अप्रैल 2025 - 06:28
क़ुम के लोग ग़ज़्ज़ा में उत्पीड़ितों का समर्थन करने के लिए मैदान में उतरे / "अना अलल अहद" की सदाए एहतेजाज

हौज़ा / ईरान के क़ुम शहर में आयोजित "तरीक़ अल-महदी" मार्च में पवित्र पैगम्बर (स) के चाहने वालों के पैर ग़ज़्ज़ा के निहत्थे उत्पीड़ित लोगों के समर्थन में उठे और उन्होंने अपने दिल की गहराइयों से पुकार लगाई और हज़रत महदी (अ) से इस्तेग़ासा किया कि ग़ज़्ज़ा को आज़ादी मिले और उत्पीड़न और रक्तपात की रात को समाप्त हो।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस्लामी क्रांति के केंद्र और मुस्लिम दुनिया की जननी क़ुम शहर के गवर्नर और क्रांतिकारी लोगों ने 15 अप्रैल 2025 को दोपहर के समय बच्चो के हत्यारे ज़ायोनी शासन की निंदा और ग़ज़्जा के उत्पीडित लोगो के समर्थन मे हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स) की पवित्र दरगाह से मस्जिदे जमकरान की ओर "तरीक़ अल महदी" पर पैदल मार्च निकाला।

रिपोर्ट के अनुसार, "तरीक़ अल-महदी" मार्च में, पवित्र पैगंबर (स) के प्रेमियों के पैर ग़ज़्ज़ा के असहाय उत्पीड़ित लोगों के समर्थन में उठे और अपने दिल की गहराई से अपनी पुकार को बुलंद करते हुए, उन्होंने हज़रत महदी (अ) से इस्तेग़ासा किया कि ग़ज़्ज़ा को आजादी मिले और उत्पीड़न और रक्तपात की रात समाप्त हो।

क़ुम के लोग ग़ज़्ज़ा में उत्पीड़ितों का समर्थन करने के लिए मैदान में उतरे / "अना अलल अहद" की सदाए एहतेजाज

पवित्र अहले-बैत (अ) के शहर के निवासियों ने आज दुनिया को संदेश दिया कि वे ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे और इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे के लिए अपना समर्थन और मदद कभी नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने सदा ए एहतेजाज उठाई और कहा कि वे उत्पीड़न के खिलाफ अपनी प्रतिज्ञा पर कायम हैं।

क़ुम के लोगों ने इस्लामी नेताओं, संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से भी आह्वान किया कि वे अपनी नींद से जागें, अपनी घातक चुप्पी तोड़ें और ज़ायोनी शासन को फिलिस्तीन और ग़ज़्ज़ा के असहाय बच्चों, महिलाओं और लोगों का खून बहाने से रोकें।

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