हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हुज्जतुल इस्लाम हुसैनी ने क़ाशान में 300 स्कूल प्रबंधकों और मस्जिदों के इमामों के लिए आयोजित दो दिवसीय विशेष शिक्षा कोर्स के समापन समारोह में कहा,क़ाशान शिक्षा विभाग और नमाज़ समिति द्वारा इस प्रशिक्षण सत्र के आयोजन की सराहना करता हूँ। स्कूलों के प्रमुखों और मस्जिदों के इमामों की सक्रिय भागीदारी प्रशंसनीय है।
इमाम जुमआ ने कहा, कुरआन सोशल मीडिया और हदीसों के माध्यम से शिक्षक और प्रबंधक बच्चों तक धार्मिक ज्ञान पहुंचा सकते हैं।उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमें कुरआन से सीखना चाहिए कि ज्ञान को कैसे प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने कहा कि युवाओं को मस्जिदों से जोड़ने के लिए ज़रूरी है कि उलेमा स्कूलों में जाएँ।यदि वे छात्रों के शंकाओं और सवालों का समाधान करेंगे तो छात्र मस्जिद की ओर आकर्षित होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिदों में अगर युवाओं के लिए दिलचस्प और रचनात्मक कार्यक्रम हों तो वे ख़ुद-ब-ख़ुद मस्जिदों में आने लगेंगे।उन्होंने अंत में कहा कि क़ाशान में कुछ ऐसी मस्जिदें हैं जहाँ कभी-कभी 70 प्रतिशत उपस्थिति युवा लोगों की होती है।
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