हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,तबरेज़ में वली ए फ़क़ीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुत्तहरी ने कहां, बच्चों और युवाओं की पवित्र प्रकृति नैतिक और शिक्षात्मक सिद्धांतों को स्वीकार करने के लिए तैयार है इस्लाम और उसकी मूल्यों को लोगों तक सरल और प्रभावी भाषा में पहुंचाया जाना चाहिए।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुत्तहरी असल ने हौज़ा ए इल्मिया के उलमा और इमाम ए जमात के लिए आयोजित एक प्रशिक्षण सत्र में कहा कि देश में शैक्षिक और शिक्षात्मक मामलों के जिम्मेदार लोग कभी-कभी सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों का शिकार होकर सांस्कृतिक और नैतिक विषयों की उपेक्षा करते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षात्मक और सांस्कृतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए असाधारण प्रयासों की आवश्यकता है।
उन्होंने अफ़ाफ़ और हिजाब जैसे शिक्षात्मक और सांस्कृतिक मुद्दों पर ध्यान न देने को हानिकारक और कभी-कभी अपूरणीय बताया। उनका कहना था कि इन विषयों पर शुरुआत से ही ध्यान देना आवश्यक है क्योंकि सांस्कृतिक समस्याओं के नुकसान लंबे समय तक विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकते हैं।
तबरेज़ के इमाम ए जुमा ने आगे कहा कि यदि गलत व्यवहार, उपेक्षा या योजना की कमी के कारण आदत बन जाए तो उन्हें छोड़ना और उनसे उत्पन्न समस्याओं से छुटकारा पाना बहुत कठिन हो जाता है।
उन्होंने नैतिक सिद्धांतों की शिक्षा में नरम व्यवहार और शिष्टाचार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि शिक्षक के लिए सबसे बड़ी संपत्ति उसका अच्छा व्यवहार और ज्ञान सिखाने की क्षमता है, जो छात्र को शिक्षक का कृतज्ञ बनाता है अच्छे और नैतिक छात्रों का निर्माण शिक्षकों के लिए आख़िरत का एक बड़ा पूंजी है।