हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद की क़ुम शाखा के प्रमुख मौलाना सय्यद अहमद रज़ा रिज़वी ज़ुरारा ने कश्मीर घाटी के स्वर्ग जैसे शहर पहलगाम में हुए दुखद और अमानवीय आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस कायराना कृत्य का उद्देश्य सामाजिक शांति को बाधित करना, लोगों में भय और दहशत फैलाना और इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करना है।
मौलाना ने कहा कि इस तरह के आतंकवादी हमले किसी एक धर्म, राष्ट्र या संप्रदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, बल्कि मानवता विरोधी तत्वों के नापाक इरादों का परिणाम हैं। इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है जो मानव रक्त का सम्मान करता है। जैसा कि पवित्र कुरान में कहा गया है: "जो कोई किसी व्यक्ति को अन्यायपूर्वक मारता है, वह ऐसा है जैसे उसने पूरी मानवता को मार डाला।" (सूर ए माएदा: 32)
यह संदेश किसी संप्रदाय या पंथ के लिए विशिष्ट नहीं है, बल्कि सभी मनुष्यों के लिए है।
हम मीडिया, बुद्धिजीवियों और आम जनता से अपील करते हैं कि वे आतंकवादियों की व्यक्तिगत गतिविधियों को किसी धर्म या समुदाय से जोड़ने के बजाय वास्तविक अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने पर जोर दें। इसी से समाज में शांति, भाईचारा और न्याय स्थापित हो सकता है।
हम प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हैं तथा प्रार्थना करते हैं कि सर्वशक्तिमान ईश्वर घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें तथा हमारी प्रिय मातृभूमि को सभी प्रकार के आतंकवाद से सुरक्षित रखें।
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