۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉ. हसन महदी

हौज़ा / देश के शरारती तत्व इस्लाम और वैश्विक अहंकार की मानव विरोधी साजिशें के अंतर्गत हमारे प्यारे देश भारत की गंगा-जामनी सभ्यता को निशाना बनाए हुए और नफरत के तवे पर राजनीतिक हितों की रोटीया सेकने का बाजार गर्म है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिय मातृभूमि भारत में पश्चिम की अंधी तकलीद में कुछ राजनीतिक दल अपना उल्लू सीधा करने के लिए प्यार की जगह नफरत का माहौल बनाकर शांति और प्रेम के माहौल को नफरत और असुरक्षा से भरा बनाने की साजिश कर रहे हैं और कुछ भूले-बिसरे लोगों की भावनाओं का दुरूपयोग कर रहे हैं।

हाल के दिनों में दॉ कश्मीर फाइल्स नाम की फिल्मों का सिलसिला शुरू हुआ है। रिलीज हुई फिल्म में इस्लाम धर्म और मस्जिदों और मदरसों आदि के तथ्यों को छुपाते हुए नकारात्मक तरीके से पेश किया गया है। हालांकि, पंडित महिलाओं को सर ढके हुए दिखाया गया है। जो इस बात का तर्क है कि पहले हिंदुओं में भी एक तरह का हिजाब होता था लेकिन पश्चिमी नग्नता और अश्लीलता के प्रभाव ने भारतीय महिलाओं को अपने रंग मे रंग लिया जिसके दुष्परिणाम सबके सामने हैं।

इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हुए मुस्लिमों को इस्लामोफोबिया और राजनीतिक हितों की आड़ में आतंकवादी दर्शाया गया है - जबकि इस्लाम और सच्चे मुसलमानों ने हमेशा शांति और सुलह का संदेश दिया है।

इस तरह की विकृत और मनगढ़ंत कहानियों में विश्वास करने वाले बुद्धिमान और विवेकपूर्ण लोगों पर मुझे आश्चर्य होता है - किसी भी विद्वान के लिए जिसने इस्लाम का गहराई से अध्ययन किया है, यह स्पष्ट है कि इस्लाम और असली मुसलमान शांतिवादी हैं। इस्लाम शब्द की उत्पत्ति सलाम से हुई है जिसका अर्थ है शांति और सुरक्षा।

कुरआन, रसूल (स.अ.व.व.) और उनके परिवार वालो की सुन्नत यह साबित करती हैं कि अपने विरोधियों के साथ भी जितना संभव हो उतना सहनशील होना चाहिए। हालांकि जान माल और नामूस पर हमले की स्थिति मे अपनी रक्षा सब पर अनिवार्य है।

इसी तरह, एक फिल्म के ट्रेलर में इमाम खुमैनी का चित्रण इस्लाम की दुनिया, शिया मुसलमानों और दुनिया के पवित्र लोगों के लिए असहनीय है। हर नेक व्यक्ति इमाम खुमैनी का सम्मान करता है और उनका नाम सम्मान के साथ लेता है। उनका महान व्यक्तित्व किसी विद्वान से छिपा नहीं है।

आप सद्गुणों की प्रतिमूर्ति थे। आपने हमेशा दुनिया के लोगों को शांति और प्रेम का संदेश दिया। भौतिक रूप से थकी हुई मानवता के लिए आध्यात्मिकता का परिचय दिया। कमजोर लोगो के दिलो मे आशा की रूह फूंकी क्योकि आपका नाम रूहूल्लाह था। आप मज़लूमो के सहायक और ज़ालिमो के मुकाबले मे सीसा पिलाई हुई दीवार बन गए। आप इस्लामे मुजस्सम और हर गुण की अभिव्यक्ति थे।

किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी परिस्तिथि मे आपके व्यक्तित्व पर हमला करना उसके खबासते नफ्स और शैतानी सिफत होने की पहचानव है। आपके व्यक्तित्व पर हमला करना मानवता और इस्लाम की दुनिया पर हमला करने के समान है, खासकर शिया धर्म - जो किसी भी शरीफ व्यक्ति से बहुत दूर है।

देश के शरारती तत्व इस्लाम और वैश्विक अहंकार की मानव विरोधी साजिशें के अंतर्गत हमारे प्यारे देश भारत की गंगा-जामनी सभ्यता को निशाना बनाए हुए और नफरत के तवे पर राजनीतिक हितों की रोटीया सेकने का बाजार गर्म है।

रिलीज हुई फिल्म में इस्लाम को एक आतंकवादी धर्म के रूप में चित्रित किया गया है और एक ट्रेलर में इमाम खुमैनी के व्यक्तित्व को नकारात्मक तरीके से चित्रित किया गया है।

न्याय पसंद लोगो से न सच्चे इस्लाम की मानवतावादी शिक्षाएं छिपी हैं और न ही इमाम खुमैनी के सकारात्मक और व्यापक 'दिव्य और आध्यात्मिक' व्यक्तित्व को छिपाया गया है।

इस फिल्म से दुनिया के सभी मुसलमान और दुनिया के नेक और धर्मपरायण लोग बहुत आहत हुए हैं। हम सभी इस जघन्य साजिश की कड़ी निंदा करते हैं और अपने प्यारे देश भारत की न्यायपालिका से मांग करते हैं कि वह इस संबंध में तुरंत ठोस कदम उठाएं। ताकि दुनिया के अरब लोगों के पीड़ित दिलों पर दया कर सकें और देश में स्थापित शांति और प्रेम का माहौल बना रहे और भविष्य में भी सभी तरह के नफरत फैलाने वाले और नफरत को बढ़ावा देने वाले मुद्दों को रोका जा सके।

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