मंगलवार 3 जून 2025 - 16:50
इमाम खोमैनी (र.ह.) के विचार नई इस्लामी तहज़ीब की बुनियाद हैं

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम क़ाएदी ने कहा,इमाम खुमैनी (र.ह.) ने अल्लाह पर भरोसा, अवाम पर विश्वास और दीन की मआरीफ़ पर तवज्जोह के साथ ऐसी इंक़ेलाब की बुनियाद रखी, जिसने न सिर्फ़ ईरानी क़ौम की तक़दीर बदली, बल्कि पूरी दुनिया की सियासी सूरत-ए-हाल को भी बदल दिया और वह नई इस्लामी तहज़ीब के संस्थापक बने।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा ए इल्मिया साहिबुज़्ज़मान अ.ज. के शिक्षा विभाग के डिप्टी हुज्जतुल इस्लाम क़ाएदी ने आज एक इंटरव्यू में इमाम खुमैनी (रह.) की 36वीं बरसी के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,इमाम खुमैनी (र.ह.) ने अल्लाह पर भरोसा, जनता पर विश्वास और धार्मिक शिक्षाओं पर आधारित एक ऐसा इंक़ेलाब लाए जिसने न सिर्फ़ ईरान का भविष्य बदला, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति को प्रभावित किया और वह नई इस्लामी सभ्यता के संस्थापक बन गए।

उन्होंने कहा कि इमाम के इंतेक़ाल को इतने दिन हो चुके हैं लेकिन उनके पवित्र विचार आज भी पूरी इस्लामी उम्मत के दिलों में जिंदा हैं दुनिया के सभी मजलूम और इंसाफ़पसंद लोग उन्हें एक रौशन मिसाल के तौर पर देखते हैं।

इमाम एक ऐसे फक़ीह थे जिन्होंने आध्यात्मिकता सियासत (राजनीति), बहादुरी और अवाम पर विश्वास जैसी खूबियों को अपने अंदर जमा कर लिया था और दीनी मरकज़ियत के साथ सदी की सबसे बड़ी क्रांति को अंजाम दिया।

हुज्जतुल इस्लाम क़ाएदी ने कहा कि हौज़ा ए इल्मिया की जिम्मेदारी है कि वे छात्रों को इमाम के इल्मी, अख़्लाक़ी और इनक़ेलाबी तरीक़े से वाक़िफ़ कराएं।नई इस्लामी सभ्यता की बुनियाद रखना तब ही मुमकिन है जब हम इमाम और रहबरी के रास्ते को जारी रखें।

आख़िर में उन्होंने आम लोगों, छात्रों, उलमा और नौजवानों से इमाम खुमैनी (रह.) की सालगिरह की ताज़ियती मेम शिरकत की अपील की।इसमें भाग लेना, इमाम और शहीदों के आदर्शों से एक बार फिर वफ़ादारी जताने जैसा है और इस्लामी इंक़ेलाब के सफ़र को तरक़्क़ी और अद्ल की बुलंदियों तक पहुंचाने की कड़ी है।

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