हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा उच्च परिषद के बयान के एक हिस्से में कहा गया है,इस खुफिया सफलता और कीमती दस्तावेज़ों तक पहुँचना दुश्मनों के शोर शराबे के मुकाबले में इस्लामी व्यवस्था की शांत, बुद्धिमान और समझदारी भरी योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उन्होंने आगे कहा,इसका दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सियोनिस्ट कब्ज़ाकर सरकार और उसके समर्थकों की कमजोरियों और ताकतों को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों की रात-दिन की निस्वार्थ और जिहादी कोशिशों के ज़रिए प्रभावी ऑपरेशनल क्षमता हासिल की गई है।
ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा उच्च परिषद के बयान में आगे कहा गया, आज इन खुफिया दस्तावेज़ों तक पहुँच और ऑपरेशन की सफलता ने इस्लामी मुजाहिदीन को इस काबिल बना दिया है कि अगर सियोनिस्ट सरकार ईरानी परमाणु स्थलों पर किसी भी संभावित हमले की कोशिश करती है तो उसके गुप्त परमाणु केंद्रों को तुरंत निशाना बनाया जा सकेगा। साथ ही, किसी भी आर्थिक या सैन्य शरारत का जवाब भी उसकी आक्रामकता के अनुरूप ही दिया जाएगा।
ईरान ने साफ़ किया है कि अगर इजरायल कोई आक्रामक कार्रवाई करता है, तो उसके गुप्त परमाणु साइट्स ईरानी सेना के निशाने पर होंगे। ईरान ने इजरायल की संवेदनशील जानकारियाँ हासिल कर ली हैं और उन्हें ऑपरेशनल रूप से इस्तेमाल करने में सक्षम है।
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