हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सऊदी अरब के विदेश मंत्री फ़ैसल बिन फ़रहान ने सी.एन.एन से इंटरव्यू में यह इच्छा जताई है। उन्होंने इसके साथ ही दावा भी किया कि परमाणु बातचीत में उनकी मौजूदगी से तेहरान-रियाज़ संबंधों के बेहतर होने की संभावना बढ़ जाएगा।
फ़ैसल बिन फ़रहान ने सी.एन.एन से इंटरव्यू में दावा किया कि अगर ईरान परमाणु हथियार हासिल कर लेगा तो सऊदी अरब और फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद के दूसरे सदस्य देशों के ख़िलाफ़ ख़तरा बढ़ जाएगा, इसलिए उन्हें परमाणु बातचीत में भाग लेने का हक़ हासिल है।
सऊदी विदेश मंत्री कहा कि यह तार्किक है कि वह परमाणु बातचीत में शामिल हों।
उन्होंने ईरान की ओर से पड़ोसी देशों के साथ बातचीत शुरू करने में दिलचस्पी और क्षेत्र की सुरक्षा को, परमाणु मामले से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र की सुरक्षा का मामला परमाणु नहीं है तो क्या है?
इसी तरह उन्होंने ईरान पर क्षेत्र को ग़ैर मुस्तहेकम करने का इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि अगर ईरान बातचीत के लिए तैय्यार हो तो इससे आपसी भागीदारी का रास्ता साफ़ होगा, लेकिन दोनों देशों के संबंध लेबनान, सीरिया, इराक़ और यमन में स्थिरता क़ायम हुए बिना बेहतर नहीं हो सकते।