हौज़ा न्यूज़ एजेंसी हिन्दीं के अनुसार, आयतुल्लाह जवादी आमोली ने सूरह नूर की तफ़सीर के दौरान कहा,
"إِن يَكُونُوا فُقَرَاءَ يُغْنِهِمُ اللَّهُ مِن فَضْلِهِ"
अगर वे गरीब हों, तो अल्लाह अपने फ़ज़्ल से उन्हें अमीर बना देगा।
आयतुल्लाह ने इस ग़लत सोच को खारिज किया कि पहले आर्थिक स्थिरता आए, फिर शादी करें" और कहा,बेटी हो या बेटा, हर एक की रोज़ी अल्लाह के ज़िम्मे है चाहे वह माता-पिता के घर में हो या पति-पत्नी के साथ जीवन बिता रहा हो। जब दोनों एक छत के नीचे आ जाते हैं, तो रोज़ी के रास्ते भी बदल जाते हैं, और अल्लाह अपनी ओर से अनंत रोज़ी प्रदान करता है।
उन्होंने युवाओं से ज़ोर देकर कहा,जीवन के सुधरने और आर्थिक रूप से मज़बूत होने का इंतज़ार मत करो, बल्कि शादी करो ताकि जीवन सुधरे। यह अल्लाह का वादा है, और अल्लाह का वादा सच्चा है।
यह शिक्षा सूरह नूर की तफ़सीर की 18वीं और 19वीं दरस में दी गई।
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