आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली
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हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली:
हिजाब समाज की पाकीज़गी का ज़ामिन है।
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने कहा है कि सामाजिक पवित्रता और सम्मान इफफ्त और हिजाब के माध्यम से ही संभव है, और इन सिद्धांतों का उल्लंघन समाज को भ्रष्टता की गहराइयों में धकेल देता है।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली:
हज़रत अमीरूल मोमिनीन अ.स.आज भी ज़िन्दा हैं और हम रोज़ उनके उपदेशों नहजुल बलागा का अध्ययन करते हैं।
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने कहा,जिस शख्स ने खुदा को पहचान लिया और उसकी मारिफ़त हासिल की तो वह खुद को भी पहचान लेगा और जो खुद को नहीं पहचानता तो वह अल्लाह की मारिफ़त भी हासिल नहीं कर सकता।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली:
हिजाब महिलाओं की इज्ज़त महानता और सम्मान की रक्षा का प्रतीक है
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमुली ने हिजाब के मुद्दे को महिला की मर्यादा और महानता की रक्षा का प्रतीक बताया और कहा, हिजाब महिला की ज़ीनत है, हर किसी को हिजाब का पालन करना चाहिए हिजाब का मुद्दा अल्लाह तआला ने निर्धारित किया है।
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ईरान के राष्ट्रपति की आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली से मुलाकात
हौज़ा / क़ुम अलमुकद्देसा की यात्रा के दौरान ईरान के राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली से मुलाकात की, इस मुलाकात के दौरान विभिन्न धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की।
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हक़ीक़ी इल्म इंसान को शरह ए सदर अता करता हैं। आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने मस्जिद ए आज़म में अपने दर्स ए अख़्लाक़ के दौरान कहा,सच्चा ज्ञान इंसान के दिल को रौशनी और व्यापकता प्रदान करता है और इसी को पवित्रता,तहारत कहा जाता है।
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आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली:
सदाकत और सच्चाई एक पत्रकार की बेहतरीन संपत्ति हैं।
हौज़ा / अगर मीडिया से ताल्लुक रखने वाले लोग खबरों में सदाकत और सच्चाई को अपनी नजर में रखें और उसके बाद खबरों की तहलील और तज़्जिया करे तो कई विदेशी और फर्जी अखबार और मीडिया का दरवाजा बंद हो सकता है।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
घरों में अपने बच्चों के सामने दास्ताने कर्बला बयान करें
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली ने आज़ादाराने हुसैनी विशेष कर युवाओ को नसीहत करते हुए कहा कोई अज़ादारी के दस्तूर में बे वुज़ू दाखिल ना हो।
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फ़ोटो \ शिक्षक दिवस के मौके पर विद्यार्थियों ने हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमुली को उपहार से सम्मानित किया
हौज़ा / कुम अलमुकद्देसा मे शिक्षक दिवस के मौके पर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमुली के दरसे ख़ारिज में भाग लेने वाले दीनी विद्यार्थियों ने शहीद आयतुल्लाह मुर्तज़ा मुताहारी को श्रद्धांजलि अर्पित की और हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमुली को उपहार से सम्मानित किया।
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फ़ोटो / आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी की आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमुली से मुलाकात
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख ने आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमुली से खूसुसी मुलाकात की और अहम मुद्दों पर चर्चा की
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तस्वीरें / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली के दरसे खारिज का मंज़र
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली का दरसे खारिज शनिवार से मंगलवार तक हर रोज़ सुबह 9:00 बजे मस्जिद ए आज़म हज़रत फातिमा मासूम स.ल. में आयोजित हो रहा हैं।
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अल्लाह तआला ने जहन्नम को क्यों पैदा किया? आयतुल्लाह जवादी आमुली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने सूरे रहमान की तफसीर में अपने दर्स में अल्लाह तआला की रहमत न्याय और अज़ाब के बारे में कुछ बिन्दुओं को बयान किया हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
मानव जाति की सामान्य आवश्यकताओं को पैगम्बरों द्वारा सर्वसम्मति से परिभाषित किया गया है
हौज़ा / जॉर्जिया के आर्कबिशप और अमेरिका और यूरोप के बैपटिस्ट काउंसिल के सदस्य "मलकज़ सोंगोलशविली" ने आयतुल्लाह जावदी आमोली से मुलाकात की है।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
विद्यार्थियों और विद्वानों का आचरण, कार्य, चरित्र और वाणी लोगों के लिए आदर्श होनी चाहिए
हौज़ा/ उन्होंने कहा: छात्रों और विद्वानों का व्यवहार, कार्य, चरित्र और बोलने का तरीका लोगों के लिए एक आदर्श होना चाहिए, उन्हें शिक्षक और संरक्षक, शोधकर्ता और विद्वान, विद्वान और नैतिक शिक्षक होना चाहिए।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमली:
शिया इस्ना अशरी कुरआन और अहले-बैत (अ) के अलावा कभी बात नहीं करता
हौज़ा / शिया इस्ना अशरी कभी भी इस्लाम धर्म के बाहर एक शब्द नहीं बोलते हैं, कुरआन और अहले-बैत (अ) के बाहर बात नहीं करते हैं, असली शिया इस्लाम और उसके वैज्ञानिक और धार्मिक के समान है स्रोत। इसके अलावा कुरान और अहले-बैत (अ)। अतः यदि हम कुरान के अनुसार निर्णय करें कि यह आदेश इस्लामी है, तो निश्चय ही एक शिया का कथन और मत एक ही होगा।
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हौज़वी किताबों में बदलाव के बारे में आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली की राय
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज्मा जावदी आमोली ने फ़रमाया: हौज़ावी किताबों में बदलाव के बारे में ख़ुद हौज़ा को फैसला करना चाहिए और यह मामला हौज़ा के शिक्षकों और विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए, लेकिन अगर कोई उपदेशक बनना चाहता है तो यह वर्गीकरण भी आवश्यक है। और यदि कोई दूसरा व्यक्ति डोमेन के ज्ञान के स्तर को निर्धारित करना चाहता है, तो उनके बीच अंतर होना चाहिए।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जावदी अमोली की नजर में ज्ञान और धन प्राप्त करने तथा इमामो से संपर्क स्थापित करने का तरीका
हौज़ा / मासूमीन (अ) साथ संपर्क स्थापित करने के कई तरीके हैं, उनमें मदरसा और विश्वविद्यालय, रूह की पाकीज़गी, नमाज़े शब, दुआ ए सहर की पाबंदी और सुबह की नमाज़ है।