हौज़ा न्यूज़ एजेंसी; हड़पने वाले इसराइल ने दर्जनों ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को शहीद कर दिया, जिसके बाद कहा गया कि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में एक भी इसराइली वैज्ञानिक को नहीं मारा, लेकिन हाल ही में हुए युद्ध में, जहाँ ईरान ने दर्जनों महत्वपूर्ण इसराइली सुविधाओं को निशाना बनाया, उसकी मिसाइलों और ड्रोन ने विज़ में संस्थान को नष्ट कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि ईरानी हमले के समय संस्थान में विभिन्न क्षेत्रों के सौ से अधिक वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मौजूद थे।
इजरायल के शहर रेहोवोट में स्थित वेइज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस दुनिया के अग्रणी शोध केंद्रों में से एक था। इस संस्थान ने जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ड्रोन तकनीक और अन्य उन्नत वैज्ञानिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईरानी मिसाइल हमले ने संस्थान को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। यह न केवल वैज्ञानिक बल्कि रक्षा के दृष्टिकोण से भी इजरायल के लिए एक बड़ा झटका था।
वेइज़मैन संस्थान का महत्व
1934 में स्थापित वेइज़मैन संस्थान इजरायल की वैज्ञानिक प्रगति का एक बड़ा प्रतीक था। संस्थान ने न केवल बुनियादी शोध में बल्कि इजरायली सेना के लिए उन्नत तकनीकों जैसे कि एआई, ड्रोन मार्गदर्शन, साइबर रक्षा और परमाणु प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसकी प्रयोगशालाओं ने कैंसर, हृदय रोग और न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों जैसे क्षेत्रों में दशकों तक शोध किया। इजरायली मीडिया के अनुसार, संस्थान इजरायल की रक्षा क्षमताओं की "तकनीकी रीढ़" था।
ईरानी हमला और विनाश
रिपोर्टों के अनुसार, ईरानी मिसाइल हमले ने वेइज़मैन संस्थान में कई महत्वपूर्ण प्रयोगशाला भवनों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। हमले में कैंसर अनुसंधान और पर्यावरण विज्ञान केंद्रों समेत कई प्रयोगशालाएं पूरी तरह नष्ट हो गईं। प्रोफेसर एल्दाद जाहोर, जिनकी प्रयोगशाला भी हमले में नष्ट हो गई, का कहना है कि उनका 22 साल का शोध मिनटों में खत्म हो गया। अनुमान के मुताबिक, हमले में करीब 570 मिलियन डॉलर का वित्तीय नुकसान हुआ, जबकि वैज्ञानिक नुकसान की कीमत का अंदाजा लगाना असंभव है।
ईरान का बदला और सामरिक महत्व
ईरानी मिसाइल हमले को इजरायल द्वारा दर्जनों ईरानी वैज्ञानिकों की हत्या का जवाब बताया जा रहा है। इजरायल ने पहले भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। वीजमैन इंस्टीट्यूट पर हमला ईरान का साफ संदेश है कि वह इजरायल की वैज्ञानिक और रक्षा क्षमताओं को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। विश्लेषकों के मुताबिक, यह हमला न सिर्फ वैज्ञानिक नुकसान है, बल्कि इजरायल की राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भी बड़ा झटका है। शोध गुणवत्ता के मामले में यह दुनिया में आठवें स्थान पर था। विश्लेषकों का कहना है कि इसके नष्ट होने से इजरायल विभिन्न क्षेत्रों में शोध में सत्तर साल पीछे चला गया है।
परिणाम
वेइज़मैन संस्थान का विनाश इज़राइल के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसका असर न केवल उसके वैज्ञानिक भविष्य पर बल्कि उसकी रक्षा क्षमताओं पर भी पड़ेगा।
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