हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अबू मुहम्मद अल-जौलानी से मार्च 2025 में सीरिया के उत्तर-पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में हुई घटनाओं की जाँच कर रही समिति की पूरी रिपोर्ट जारी करने की अपील की है। इन घटनाओं में 1,600 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें से कई नागरिक थे।
यह माँग ऐसे समय में की गई है जब जाँच समिति अपनी रिपोर्ट पेश करने वाली है। मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल की उप निदेशक क्रिस्टीन बिकरेली ने कहा कि अल-जौलानी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जाँच का पूरा विवरण जारी किया जाए और ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि पीड़ितों के परिवारों और आम जनता को यह जानने का अधिकार है कि वास्तव में क्या हुआ, कौन ज़िम्मेदार है और न्याय सुनिश्चित करने के लिए क्या व्यावहारिक कदम उठाए जा रहे हैं।
बकरली ने ज़ोर देकर कहा कि केवल निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच ही विश्वसनीय और निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी दे सकती है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अधिकारी ने अल-जौलानी से पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए व्यापक और प्रभावी मुआवज़ा सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि अल-जौलानी ने वादा किया था कि अपराधियों को न्याय के अनुसार कड़ी सज़ा दी जाएगी और अब इस वादे को पूरा करने का समय आ गया है ताकि यह साबित हो सके कि सरकार किसी भी समुदाय को धार्मिक या राजनीतिक संबद्धता के आधार पर निशाना नहीं बनने देगी।
गौरतलब है कि 6 मार्च को सीरिया के तटीय क्षेत्र में हुई हिंसा के परिणामस्वरूप कई लोग मारे गए और घायल हुए। 3 अप्रैल, 2025 को, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सीरियाई अधिकारियों से अलावी लोगों के खिलाफ इन नरसंहारों की निष्पक्ष जाँच करने का आह्वान किया।
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