हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , 14 फरवरी क्रांति के युवाओं के संघ की इलेक्ट्रॉनिक वेबसाइट की जानकारी के मुताबिक, आल खलीफा सरकार से जुड़ी सुरक्षा बलों ने अपने हालिया दमनकारी कार्रवाई में शिया धार्मिक कार्यक्रमों के खिलाफ, मोहर्रम की रातों में मनामा के बाहरी इलाके सनाबिस में बिन खमीस इमामबारगाह में एक धार्मिक प्रदर्शनी के आयोजन को रोका है।
यह प्रदर्शनी जो बहरैन के शिया समुदाय की मोहर्रम के दौरान आयोजित होने वाली सांस्कृतिक गतिविधियों का हिस्सा थी और इमाम हुसैन (अ.स.) के संघर्ष को समर्पित थी, प्रतिबंध से पहले जनता के बीच काफी लोकप्रिय थी।
आल खलीफा अधिकारियों ने गुरुवार, 10 जुलाई को इमामबारगाह के प्रबंधकों को बुलाकर उनके खिलाफ जांच की और स्पष्ट रूप से धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजकों को डराने और धार्मिक स्वतंत्रता को और सीमित करने की कोशिश की है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहर्रम की शुरुआत से ही बहरैनी सरकार ने शिया समुदाय के खिलाफ अपनी कार्रवाइयाँ तेज कर दी हैं, जिनमें काले झंडों को जब्त करना, धार्मिक वक्ताओं और नौहा ख़्वानों की गिरफ्तारी, मातमी समारोहों पर प्रतिबंध और शिया बहुल इलाकों में मजलिसों को निशाना बनाना शामिल है।
गौरतलब है कि बहरैन आधिकारिक तौर पर धार्मिक सहिष्णुता का दावा करता है, लेकिन इस समय अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा शिया अधिकारों के राजनीतिक उल्लंघनों की आलोचना का सामना कर रहा है।
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