हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सीरिया में निर्दोष मोमिनीन और जागरूक उलेमा पर हुए निर्मम हमले के खिलाफ हौज़ात-ए-इल्मिया ख़्वाहरान ने एक बयान जारी करते हुए इसे साम्राज्यवादी साजिश करार दिया है।
बयान की शुरुआत में सूरह निसा की आयत
وَمَن يَقْتُلْ مُؤْمِنًا مُّتَعَمِّدًا فَجَزَاؤُهُ جَهَنَّمُ..."
और जो कोई जानबूझकर किसी मोमिन को मार डाले, तो उसकी सज़ा जहन्नम है को उद्धृत करते हुए इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया गया है।
बयान में कहा गया है कि एक बार फिर तकफीरी गिरोहों और इस्लाम के दुश्मनों के नापाक हाथ निर्दोषों के खून से रंगे गए हैं और सीरिया के निहत्थे मोमिनीन, खासकर बसीरतमंद उलेमा को बर्बरता का निशाना बनाया गया है।
बयान में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है:
1.यह हमले पश्चिमी और सियोनिस्ट इस्लाम-विरोधी ताकतों की साजिश का हिस्सा हैं जो इराक, अफगानिस्तान और यमन में भी शियान-ए-अहलेबैत (अ.स.) के खिलाफ अत्याचार कर चुके हैं।
2.अंतरराष्ट्रीय संगठनों की चुप्पी मानवता के साथ धोखा है संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय अदालतें और मानवाधिकार संगठन इस नरसंहार पर चुप क्यों हैं? क्या शिया खून का कोई मोल नहीं? क्या सिद्धांत, स्वार्थ के आगे बलि चढ़ चुके हैं?
3.हम प्रतिरोध आंदोलनों के साथ खड़े है हौज़ा-ए-इल्मिया ख़्वाहरान ने शहीदों के परिवारों, मजलूम जनता और प्रतिरोध मोर्चे का समर्थन करने की घोषणा की है और वैश्विक जागरूकता के लिए आवाज उठाने का संकल्प जताया है।
4.शहीद इस्लामी जागृति की पूंजी हैं बयान में जोर देकर कहा गया है कि इन मजलूमों का खून उम्मत को जगाएगा और दुश्मनों की साजिशें एकता और जागरूकता को रोक नहीं सकेंगी।
बयान के अंत में,हौज़ा-ए-इल्मिया ख़्वाहरान के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुजतबा फाज़िल ने इमाम-ए-जमाना (अ.ज.), रहबर-ए-इंकेलाब-ए-इस्लामी और शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए जोर देकर कहा कि इन अत्याचारों का जवाब दिया जाएगा, और हुसैनी मकतब हर जमाने में जुल्म के सामने डटकर खड़ा रहेगा।
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