हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया की राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी के प्रमुख महमूद अल-मौलदी ने वर्तमान सीरियाई सरकार पर स्पष्ट आरोप लगाते हुए इसे "एक कठपुतली सरकार" बताया जो अमेरिकियों और ज़ायोनीवादियों के इशारे पर काम करती है।
महमूद अल-मौलदी ने कहा कि अल-जुलानी नामक समूहों द्वारा सीरिया में विभिन्न संप्रदायों, विशेष रूप से अलावी, ईसाइयों और ड्रूज़ पर जारी हमले एक बाहरी योजना के अलावा और कुछ नहीं हैं, जिसका उद्देश्य देश को सांप्रदायिक और धार्मिक समूहों में विभाजित करना है।
उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक संदर्भ में "नया सीरिया" अब राष्ट्रीय इच्छाशक्ति को व्यक्त नहीं करता, बल्कि सीरिया के भू-राजनीतिक ढाँचे को नया रूप देने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपकरण बन गया है, जिसका उद्देश्य विदेशी हितों की सेवा में केंद्र सरकार की शक्ति को कमज़ोर करना और हथियारों की होड़ व बाहरी वफ़ादारी के मामले में विभिन्न क्षेत्रों को कमज़ोर करना है।
अल-मौलिद ने आगे कहा कि स्वेदा में जो हो रहा है, वह सिर्फ़ एक अलग घटना नहीं है, बल्कि एक लंबे समय से चली आ रही नीति का हिस्सा है जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समूहों का सफ़ाया करना और सीरिया की एकता को कमज़ोर करना है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की शर्मनाक चुप्पी अमेरिका और इज़राइल के बीच सीधी मिलीभगत का संदेह पैदा कर रही है।
सीरिया की राष्ट्रीय मुक्ति पार्टी के प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि इन अपराधों पर चुप्पी को निष्पक्ष रुख़ नहीं माना जा सकता, बल्कि इसे सीरिया को विभाजित करने की परियोजना में मिलीभगत माना जा सकता है, जो एक दशक पहले "क्रांति" और "स्वतंत्रता" जैसे निराधार औचित्य के साथ शुरू हुई थी और सैन्य समूहों के हमलों के ज़रिए सरकार की क़ीमत पर रातोंरात समाप्त हो गई।
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