बुधवार 11 दिसंबर 2024 - 11:38
इज़राईली आक्रामकता के खिलाफ एकजुट हो जाएं

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हमीद शहरीयारी ने सीरिया में हालिया इज़राईली हमलों के बाद उलेमा-ए-इस्लाम के नाम एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया है, उन्होंने इन इज़राइली आक्रमणों को सभी मुसलमानों और अरबों के खिलाफ हमला करार दिया और तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हमीद शहरीयारी ने सीरिया में हालिया इज़राईली हमलों के बाद उलेमा-ए-इस्लाम के नाम एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया है, उन्होंने इन इज़राइली आक्रमणों को सभी मुसलमानों और अरबों के खिलाफ हमला करार दिया और तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया हैं।

हामिद शहरीयारी ने अपने संदेश में कहा कि सीरियाई सरकार को लेकर भले ही अलग अलग विचार हो सकते हैं लेकिन यह स्पष्ट है कि सीरियाई जनता ने अपनी गरिमा और सम्मान की रक्षा में सियानी आक्रमण के खिलाफ अनगिनत कुर्बानियां दी हैं।

उन्होंने कहा कि सियानियों ने दशकों से सीरिया के खिलाफ साजिशें रचीं, लेकिन सीरियाई जनता के प्रतिरोध और उनके समर्थकों के प्रयासों ने इन योजनाओं को नाकाम कर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि इज़राइल ने सीरिया के खिलाफ सैन्य, आर्थिक और खुफिया हमले किए, लेकिन सीरियाई जनता ने अपनी जागरूकता और रणनीति से इन साजिशों को नाकाम कर दिया। आज इज़राइल बदले की आड़ में सीरिया के महत्वपूर्ण ढांचों, बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों को निशाना बना रहा है, ताकि उसे कमजोर और असहाय बना सके।

हुज्जतुल इस्लाम शहरीयारी ने सभी मुस्लिम विद्वानों, विचारकों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सियानी आक्रमण के खिलाफ एकजुटता आज के समय की अहम जरूरत है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सीरिया पर हमला केवल एक देश पर हमला नहीं है, बल्कि यह पूरे मुस्लिम समुदाय पर हमला है सभी स्वतंत्र राष्ट्रों को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इज़राइल का उद्देश्य मध्य पूर्व में अपने पुराने एजेंडे को लागू करना है और मुस्लिमों को विभाजित करने के लिए सांप्रदायिक और जातीय भेदभाव को बढ़ावा देना चाहता है।

अंत में उन्होंने जोर देकर कहा कि सियानी अन्याय और अत्याचार का मुकाबला केवल प्रतिरोध और एकता के माध्यम से संभव है। मुसलमानों को मिलकर अपने साझा दुश्मन का सामना करना होगा।

अपने संदेश के समापन में उन्होंने एक कुरआनी आयत उद्धृत की:
إِنَّهُمْ یَرَوْنَهُ بَعِیدا وَ نَرَاهُ قَرِیبا "
वे इसे दूर समझते हैं लेकिन हम इसे करीब देखते हैं।उन्होंने आशा व्यक्त की कि अल्लाह के आदेश से जल्द ही स्वतंत्रता और न्याय का सूरज उगेगा।

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